Lucknow : उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने सरकार को इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाने की सलाह दी है, पूर्व सीएम मायावती ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया कि यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए. सरकार को इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाये, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो.
यू.पी. शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख़ अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाईन्साफी ना हो।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2024
हाईकोर्ट ने पुरानी मेरिट लिस्ट रद्द कर तीन माह में नयी सूची जारी कर करने का दिया था आदेश
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गयी थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था. सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नयी सूची जारी कर दी जाये. हाईकोर्ट ने कहा नयी चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाये ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
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