Ranchi: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की रविवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई. राज्य के शिक्षकों के लिए सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (एमएसीपी) लागू करने, स्नातक प्रशिक्षित और प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति देने, छठे वेतनमान की विसंगति दूर करने, अंतर जिला स्थानांतरण में गृह जिला में स्थानांतरण का विकल्प देने, स्वास्थ्य बीमा लागू करने और राज्यकर्मियों के लिए सभी स्थानों पर परिवहन भत्ता की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष पांच अगस्त से राज्य के शिक्षक द्वारा आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया. संघ ने कहा कि बिहार की भांति राज्य के शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ देने का आश्वासन 2022 में ही मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षकों को दिया गया था. लेकिन आज तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया. कहा कि सरकार शिक्षकों की प्रोन्नति को कोर्ट के हवाले कर हमें मानसिक रूप से परेशान कर रही है.
प्रधानाध्यापकों के 97 प्रतिशत पद रिक्त हैं
संघ ने कहा कि वहीं 2016 से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को उनके वरीयता का लाभ अब तक नहीं मिला है. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के चालीस प्रतिशत पद तथा प्रधानाध्यापकों के 97 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं. कैबिनेट से निर्णय होने के बाद भी राज्यकर्मियों को अब तक स्वास्थ बीमा लागू नहीं किया जा सका है. कहा कि छठे वेतनमान की विसंगति दूर करने में शिक्षकों के साथ भेदभाव रखते हुए सचिवालय सहायकों को इसका निदान कर दिया गया लेकिन शिक्षकों का मामला अब तक लंबित है. बैठक में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अनूप केसरी, राम मूर्ति ठाकुर, असादुल्लाह, नसीम अहमद, दीपक दत्ता, हरे कृष्ण चौधरी, अजय कुमार सिंह, राकेश कुमार, सलीम सहाय तिग्गा, विभूति कुमार, प्रवीण कुमार, श्रीकांत सिन्हा, शंभू शर्मा, संजय कंडुलना, सुरजन, प्रेम कुमार शर्मा, मनोरंजन कुमार, उदय कुमार सिंहा व विनोद कुमार सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आए शिक्षक प्रतिनिधि शामिल थे.
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