Tarun Kumar Chaubey
Ranchi : झारखंड के 34 नगर निकायों में लगभग 674 जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 28 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा. कार्यकाल खत्म होते ही मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों सभी अधिकार छिन जायेगा. अब नगर निकायों में अफसरों के जिम्मे सारे कार्य होंगे. जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो या मुहल्ले में पानी या कूड़े की समस्या हो, सभी कामों के लिए अफसरों के पास लोगों को जाना होगा. दफ्तरों के चक्कर लगाने पडेंगे. लोगों को परेशानी तब तक झेलनी होगी, जब तक इन नगर निकायों के लिए चुनाव संपन्न होकर बोर्ड का गठन नहीं हो जाता.
निगम कार्यालय से किए जाएंगे सारे काम- आयुक्त शशि रंजन
नगर आयुक्त शशि रंजन ने कहा कि निगम क्षेत्र के सभी वार्डों में हमारे सुपरवाइजर हैं, जिनके पास लोग जाकर अपनी समस्या बता सकते हैं. सुपरवाइजर के द्वारा जनता की सारी परेशानियों को दूर किया जाएगा. जनप्रतिनिधि के कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्षदों की अनुसंशा से होने वाले सारे काम निगम कार्यालय से किए जाएंगे.
पार्षद को अधिकार से मुक्त नहीं करना चाहिए – अरुण कुमार झा
इधर वार्ड 26 के पार्षद अरुण झा ने कहा कि वार्ड पार्षदों का जनता से सीधे संवाद होता है. लोगो को कोई भी समस्या होती है, तो फोन के माध्यम या घर आकर अपनी समस्या बता देते हैं. उन्हें अपना काम करवाने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पडता है. चाहे पानी की व्यवस्था करनी हो या नाली साफ करवानी हो, पार्षद अपने क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध होता है. पार्षद को कभी अधिकार विहीन नहीं करना चाहिए. पता नहीं सरकार की क्या मंशा है, जो अबतक चुनाव के लिए कोई भी जरूरी कदम नहीं उठ रही है.
कहां कितने वार्ड
- हजारीबाग : 36
- गिरिडीह : 38
- मदेनीनगर : 37
- आदित्यापुर : 35
- गढ़वा : 23
- चतरा : 22
- मधुपुर : 25
- गोड्डा : 22
- साहिबगंज : 30
- पाकुड : 22
- मिहिजाम : 22
- चिरकुंडा : 21
- फुसरो : 30
- गुमला : 24
- लोहरदगा : 25
- सिमडेगा : 20
- रामगढ : 34
- चाईबासा : 24
- कापली : 21
- नगरउंटारी : 13
- हुसेनाबाद : 18
- छतरपुर : 16
- डोमचांच : 16
- लातेहार : 17
- राजमहल : 17
- बरहरवा : 16
- बासुकिनाथ :में 14
- जामताडा : 18
- खुंटी : 21
- बुंडू : 15
- सरायकेला-खरसावां :में 12