NewDelhi : देश एक बार फिर चंपारण जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है. तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं, लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह ट्वीट चर्चा में है.
बता दें कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. राहुल गांधी आज किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर फिर हमलावर हुए. राहुल गांधी ने चंपारण का जिक्र करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद आंदोलनकारी किसानों की तुलना सत्याग्रहियों से की. कहा कि किसान सरकार से अपना हक ले कर रहेंगे.
देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है।
तब अंग्रेज कम्पनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कम्पनी बहादुर हैं।
लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 3, 2021
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ब्रिटिश शासन के खिलाफ गांधी ने सत्याग्रह किया था
सत्याग्रह को सरकार की नीतियों के खिलाफ राजनीतिक विरोध का एक तरीका माना जाता है. बता दें कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का ही तरीका अपनाया था. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1917 में महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण में सत्याग्रह किया था, जब उन्होंने किसानों के मजबूरन इंडिगो खेती करने के खिलाफ आंदोलन किया था.
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एक महीने से ज्यादा समय से किसान डटे हैं
तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठन दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जान लें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच अबतक सात दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन वार्ता अब तक परवान नहीं चढ़ी है किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. कल चार जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत होनी है. इस बातचीत पर सबकी नजर है.