Rehan Ahmad
Ranchi: शिक्षा (तालीम) से ही दुनिया रौशन होती है. इस कथन को सत्य कर दिखाया है, नेत्रहीन चान्हों निवासी मौलाना मुर्सरफ आलम ने. बचपन से ही उनकी आंखों में रोशनी नहीं थी, और किसी भी काम के लिए उन्हें दूसरों का सहारा लेना पड़ता था. उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद रांची और जमशेदपुर के मदरसों में शिक्षा प्राप्त करते रहे. मौलाना मुर्सरफ ने बताया कि उनकी तालीम उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम देवबंद के मदरसे में पूरी हुई.
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शिक्षा की ललक को देख शिक्षकों ने पूरी कराई तालीम
देवबंद के मदरसे में कारी मो. एनाएतुल्लाह कासमी और मौलाना साबिर अली जफर की देखरेख में उनकी शिक्षा पूरी हुई. नेत्रहीन होने के बावजूद उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके शिक्षकों ने उनका पूरा ध्यान रखा.
हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, फारसी के अच्छे जानकार हैं मौलाना मुर्सरफ
मौलाना मुर्सरफ आलम ने बताया कि उनके शिक्षकों ने उन्हें कुरआन का हाफिज बनाया. पूरे कुरआन को कंठस्थ कराया. वे भले ही देख नहीं पाते थे, लेकिन उनके शिक्षक पढ़ते थे और वे उसे दोहरा कर याद कर लेते थे. पढ़ाई के प्रति उनकी लगन को देखकर शिक्षक भी उनसे बहुत खुश रहते थे, और इस तरह वे जल्दी ही समझ पाते थे. अपने शिक्षकों की देखरेख में उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, अरबी और फारसी की भाषाएं भी सीखी.
हाफिज, कारी, यूनानी चिकित्सक और शायर भी बने
मौलाना मुर्सरफ ने अपनी पढ़ाई पूरी की और हाफिज, कारी की उपाधि हासिल की. इसके साथ ही उन्होंने यूनानी पद्धति में चिकित्सा की शिक्षा भी प्राप्त की. शेरो-शायरी का शौक होने की वजह से उन्होंने कई शेर भी लिखे, और फिर जलसों और मजलिसों में अपने शेर सुनाने का मौका मिला. आज तक लोग उनके शेरों की सराहना करते हैं.
अपने गांव में मदरसा जामिया की स्थापना की, 150 बच्चे प्राप्त कर रहे हैं शिक्षा
मौलाना मुर्सरफ ने बताया कि 2005 में उन्होंने चान्हों गांव में मदरसा जामिया अरबिया कासमिया उलूम की स्थापना की. वर्तमान में इस मदरसे में 150 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उलेमाओं के साथ कई शिक्षक भी हैं. मदरसे में होस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है. अब तक 100 से अधिक बच्चे हाफिज बन चुके हैं, और 100 बच्चियां आलिमा की डिग्री प्राप्त कर चुकी हैं. मदरसे में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, गणित जैसी तालीम भी दी जाती है.
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