Amit Kumar
RANCHI : झारखंड में जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख-1 का पद 10 महीने से रिक्त है. इस पद पर पदस्थापित रहे हेमंत कुमार 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो गये है. जिसके बाद से इस पद पर किसी को पदस्थापन नहीं किया गया है. अभियंता प्रमुख नंबर-2 के पद पर आरएस तिग्गा हैं. अभियंता प्रमुख-1 का पद रिक्त रहने से विभाग में तकनीकी विषयों से जुड़े मामलों में किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया जा रहा है.वृहत और मध्यम सिंचाई से जुड़ी योजनाएं ठहर गयी हैं. ढाई करोड़ से ऊपर की योजनाओं का टेंडर स्थगित हो गया है.चालू योजनाओं में भी आनेवाली तकनीकी अड़चनों का निदान नहीं हो पा रहा है.
इसे भी पढ़ें – दिल्ली: मास्क के अलावा अब इन हरकतों पर भी लगेगा जुर्माना
विभाग में है दो अभियंता प्रमुख का पद
जल संसाधन विभाग में अभियंता प्रमुख के दो पद हैं. अभियंता प्रमुख नंबर-1 का पद अनारक्षित और अभियंतां प्रमुख नंबर-2 का पद आरक्षित है. नंबर-1 अभियंता प्रमुख पद पर पदस्थापित रहे हेमंत कुमार 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो गये है. अभियंता प्रमुख नंबर-2 के पद पर आरएस तिग्गा हैं.
तकनीकी पेंच में फंसे कई निर्णय, क्या कहता है पीडब्ल्यूडी कोड
पीडब्ल्यूडी कोड की धारा 291 के तहत विभाग के तकनीकी पहलुओं से जुड़े तमाम विषयों पर अंतिम निर्णय का अधिकार अभियंता प्रमुख नंबर वन के पास है. ढाई करोड़ से ऊपर के टेंडर के लिए बनी कमेटी के चेयरमैन भी अभियंता प्रमुख नंबर वन ही हैं.
इसे भी पढ़ें – 26वांअखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन का राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू करेंगी उद्घाटन
अभियंता प्रमुख की नियुक्ति में क्या है अडचन
जल संसाधन विभाग में सामान्य कोटे से मुख्य अभियंता मॉनिटरिंग नागेश मिश्रा वरीयता में सबसे ऊपर हैं. दूसरे नंबर पर मुख्य अभियंता मेदिनीनगर मुकेश कुमार हैं. इसके अलावा आरक्षित वर्ग से वीरेंद्र राम और जलधर मंडल भी पद के प्रबल दावेदार हैं. अब वरीयता सूची नहीं होने से मामला अटका पड़ा है.
हर खेत तक पानी पहुंचे, सरकार का यही है लक्ष्य
हर खेत में साल भर पानी पहुंचे, इसी संकल्प के साथ सरकार कार्य कर रही है. इस संदर्भ में सभी श्रोतों से जल की उपलब्धता का आकलन कर उसके संचयन और संरक्षण हेतु वृह्द, मध्यम और लघु सिंचाई प्रक्षेत्र की योजनाओं का निर्माण कराकर सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि किया जा रहा है. इसके साथ भूगर्भ जल के संरक्षण और बेहतर उपयोग, पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जलापूर्ति और जल विकास के लिए भी जल संसाधन विभाग द्वारा योजनाओं पर काम किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें – छठ पूजा के सफल आयोजन पर प्रशासन ने दिया धन्यवाद कहा – भविष्य में भी करें निर्देशों का पालन
37 प्रतिशत कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध
झारखंड की 37 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है. चार साल पहले 16 प्रतिशत खेतों में ही सिंचाई की सुविधा थी. इस तरह सिंचाई सुविधाओं में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वर्तमान में 2,10,720 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा पहुंचायी जा चुकी है.
सिंचाई सुविधा का राष्ट्रीय स्तर 67 प्रतिशत है. राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े तक पहुंचने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इस बाबत कई सिंचाई परियोजनों पर तेजी से काम चल रहा है.
पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता
जल संसाधन विभाग ने सालों से लंबित व पुरानी 71 सिंचाई परियोजनों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है. इनमें से 16 सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है, जबकि 55 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है. इन सिंचाई परियोजनाओं के पूरी होने से 89 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई सुविधा बहाल की जा सकेगी.
इसे भी पढ़ें – छठ घाट पर नक्सलियों ने कोयला कारोबारी की गोली मारकर की हत्या, पर्चा छोड़ ली जिम्मेवारी