जल, जंगल, जमीन और खनिज पर अधिकार को लेकर माले संघर्ष करोगा तेज, रोजगार के सवाल पर युवाओं के साथ पार्टीः राजाराम सिंह
दोनों संगठनों के केंद्रीय स्तर से ग्रास रूट स्तर एकीकरण की प्रक्रिया एक माह में होगी पूरीः अरुप चटर्जी
एकीकृत के बाद 17 विधानसभा पर माकपा माले का हो जायेगा मजबूत जनाधार
माले ने विलय की घोषणा के साथ भाजपा पर किसान, युवा विरोधी होने का लगाया आरोप
Ranchi : कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन और मार्कसिस्ट कॉर्डिनेशन कमिटी (मासस) के एकीकरण को लेकर चार साल से चल रही प्रकिया पर दोनों पार्टियों की केन्दीय कमेटी ने मोहर लगा दी है. इसकी औपचारिक घोषणा निरसा में 9 सिंतबर को आयोजित एकता रैली में की जायेगी. विलय के बाद दोनों वामदलों का एकीकृत 23 सदस्यीय स्थायी कमेटी का गठन किया जायेगा. शनिवार को रांची प्रेस क्लब में दोनों वाम पार्टियों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में मासस का माकपा माले में एकीकरण को लेकर बनी सहमति की घोषणा की गयी.. प्रेस कांफ्रेस में कामरेड एके राय की लिखी पुस्तक धर्म और राजनीति एवं नयी दलित क्रांति का विमोचन किया गया.
भारत में फासीवाद विरोधी संघर्ष को तेज किया जायेगा
प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य व काराकाट के लोकसभा सांसद राजाराम सिंह ने कहा, भारत में फासीवाद विरोधी संघर्ष को तेज करने, झारखंड की जन आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ वामपंथ को मजबूत करने के लिए सहर्ष मासस और भाकपा माले का विलय किया जा रहा है. भाकपा माले और मासस का विलय झारखंड के विधानसभा चुनाव में कॉरपोरेट परस्त एवं सांप्रदायिक ताकतों की हार की गारंटी करेगा. एक नये अध्याय की शुरुआत करेगा. राज्य में युवाओं को नौकरी और रोजगार नहीं मिलने को लेकर पूछे गये सवाल पर कां. राजाराम सिंह ने कहा, हम युवाओं के साथ हैं. झारखंडी युवाओं को राज्य की नौकरियों में प्राथमिकता गंभीर मुद्दा है. भाजपा मुक्त झारखंड के निर्माण के लिए हमारी एकीकृत पार्टी आनेवाले विधानसभा चुनाव और उसके बाद जल, जंगल, जमीन और खनिज पर अधिकार सहित जनता के सभी ज्वलंत मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने का एलान किया.
कोलियरियों, सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के निजीकरण की साजिश के खिलाफ रैली
मासस के कार्यकारी अध्याक्ष अरूप चटर्जी ने कहा, यह एकीकरण जनता के संघर्षों को दावेदारी में तब्दील करने के का काम करेगा. इसके लिए 9 सितंबर को धनबाद में बड़ी रैली का आयोजन किया जाना है. रैली का नाम एकता रैली होगा और इसका मुख्य नारा भाजपा भगाओ, लूट मिटाओ, बिरसा के सपनों का झारखंड बनाओ होगा. बेरोजगारी, राष्ट्रीयकरण को उलटकर कोलियरियों समेत तमाम सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण की साजिश और सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ इस रैली के माध्यम से एकीकृत माले झारखंड में विधानसभा चुनाव को जनआंदोलन में बदलने की और बढ़ेगी. दोनों संगठनों के केंद्रीय स्तर से ग्रास रूट स्तर के ढांचों के एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, एक महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. हमारे इस निर्णय से इंडिया गठबंधन ताकत बढेगा. माकपा माले का यह प्रयास लोकतांत्रिक ताकतो को एकजुट करने का प्रयास आगे भी जारी रहेगा.
एकीकृत पार्टी की नजर में राज्य की 17 विधानसभा सीट
सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव को लेकर मासस के विलय के बाद माकपा माले ने राज्य के 17 सीटो पर विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर तैयारी शुरु कर दी है. जानकारी के अनुसार माले निरसा, बगोदर, राजधनवार, जमुवा, गाडेय, झरिया, सिंदरी, चंदनक्यारी, गोमिया, मांडू, रामगढ़, नाल, बाघमारा, टुंडी, हुसैनाबाद, गोड्डा, पंकी और छतरपुर विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है.
प्रेस कांफ्रेस में मासस के कार्यकारी अध्यक्ष सह निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, माले के शुभेंदु सेन, बगोदर विधायक विनोद सिंह, मासस के मिथिलेश सिंह, हलधर महतो, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, निताई महतो, मिथलेश सिंह, दिलीप तिवारी,कृष्णा सिंह, हलधर महतो सहित दोनो दलो के से जुड़े मजदूर संगठन के प्रतिनिधि और माले राज्य कमेटी के नेता मौजूद रहे.