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Ranchi: आदिवासियों की धार्मिक, सामाजिक एवं रैयती जमीन की लूट के खिलाफ भाजपा ने आदिवासी जमीन बचाव अभियान के तहत रविवार को मोराहबादी बापू वाटिका के सामने एकदिवसीय धरना दिया. इसमें पूर्व सीएम बाबुलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासियों को जमीन बचाने के लिए कानून को हाथ में लेना पड़े तो ले लें. क्योंकि आदिवासियों की जमीन लूट की शिकायत उपायुक्त और अंचल नहीं सुन रहा है. जमीन लूट के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन की सरकार से विधानसभा में बहस होना चाहिए. क्योंकि जमीन लूट रांची में नहीं बल्कि पूरे राज्य में हो रहा है. भुईहरी, पहनई जमीन समेत रैयती जमीन के दस्तावेज़ में हेरा फेरी हो रही है.
उन्होंने कहा कि संथाल परगना मे आदिवासियों की स्थिति भयावह है. वहां 1951 में आदिवासियों की जनसंख्या 48 प्रतिशत थी. अब 26 प्रतिशत हो गई है. 60 वर्षो में संथाल परनगना की जनसंख्या 16 प्रतिशत आबादी घट गई है. झारखंड मे यही स्थिति रही तो लोकसभा औऱ विधानसभा की आरक्षित सीट घटने में कोई रोक नहीं सकता है. राज्य में बड़े पैमाने पर कारखाने और डैम बनाये गये हैं. जहां सैकड़ों गांव उजाड़े गये हैं. उनके लिए राज्य में पुनर्गठन आयोग बनाकर रैयतों को पुनर्वास करना था. लेकिन राज्य का 23 साल हो गया है. इसके बाद भी कोई पहल नहीं किया गया.
आदिवासियों की जमीन खत्म तो आदिवासी खत्मः धान
पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कहा कि झारखंड मे सीएनटी एक्ट एसपीटी एक्ट लागू है. हेमंत सोरेन आदिवासियों के जमीन लूटेरों के संरक्षक बन गये हैं. राज्य के सीएम के सहयोगी जमीन लूट रहे हैं. आदिवासियों की पहचान जल, जंगल और जमीन से है. यही खत्म हो जाएगा तो आदिवासियों का अस्त्तित्व ही खत्म हो जाएगा. जमीन बचाने के लिए राज्य भर में आदिवासी समाज को जगाने का प्रयास होगा.
आदिवासी समाज आज आक्रोश में हैः लक्ष्मी नारायण मुंडा
आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि 25 जुलाई को अलबर्ट एक्का चौक के सामने सीएम का पुतला जलाया जाएगा. एकीकृत बिहार में भी झारखंड में जमीन लूट नहीं हुआ था. यह राज्य भ्रष्ट अधिकारियों का राज्य बन गया है. आदिवासी समाज आज आक्रोश में है. सीएम के सरंक्षण में राज्य के आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है. जमीन का नेचर बदल दिया जा रहा है. भ्रष्ट अधिकारियों ने जमीन का नेचर बदल दिया है.
आदिवासियों को खत्म करने की साजिश हो रही हैः बबलु मुंडा
केद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलु मुंडा ने कहा कि झारखंड में आदिवासी दर्द आदिवासी समझ सकता है. आज झारखंड में जमीन लुटी जा रही है. झारखंड में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना बढ़ी है. आदिवासियों को खत्म करने की साजिश हो रही है. आदिवासी समाज भ्रष्ट सरकार के खिलाफ गुस्से में है. जमीन लूट की शिकायत को सीएम नहीं सुन रहे हैं. सरकार नहीं जागी तो सत्ता से बेदखल किया जाएगा. सामाजिक कार्यकर्ता सूरज टोप्पो ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में हत्या व जमीन का लूट का मामला बढ़ा है. जमीन बचाने के लिए झारखंड भी बंद करना पड़ेगा तो जरूर करेंगे. राज्य के सीएम और उनके सहयोगी जमीन लूटने में लगे हैं. इसके अलावा लोहरदगा के सामाजिक कार्यकार्ता चैतु उरांव, केद्रीय सरना समिति के फुलचंद तिर्की, सरना प्रार्थना सभा से तानसेन गाडी, कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डबलु मुंडा, वीर बिरसा मुंडा स्मारक समिति के अघ्य़क्ष अमित मुंडा समेत द्रर्जनों वक्ताओं ने भी अपनी बात ऱखी.
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