Ranchi: झारखंड में भोगता समुदाय के लोग अब अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं रहेंगे. उन्हें अनुसूचित जाति से हटाने को लेकर लाया गया बिल राज्यसभा में पेश किया गया है. सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय अनुसूचित जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक संशोधन विधेयक पेश किया. जिसमें झारखंड में भोगता समुदाय को अनुसूचित जातियों की सूची से हटाने और कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है.
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सदन में पेश किया संशोधन विधेयक
अर्जुन मुंडा ने सदन में संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया. इस विधेयक में झारखंड की अनुसूचित जातियों की सूची में से भोगता समुदाय को हटाने के लिए संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 और अनुसूचित जनजातियों की सूचियों में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश 1950 में और संशोधन का प्रस्ताव है.
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एसटी का दर्जा देने की उठाती रही है मांग
गौरतलब है कि भोगता जाति खुद को एसटी का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर आवाज उठाता रहा है. झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल, असम, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में खरवार जनजाति की मुख्य उपजाति भोगता समुदाय के लोग बहुसंख्यक में हैं. यह समुदाय जंगलों और पहाड़ों में बसने के कारण सामाजिक शैक्षणिक एवं राजनीतिक विकास से दूर हैं.
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