Ranchi: झारखंड सरकार मध्यम और लघु उद्योगों पर फोकस कर रही है. सबसे ज्यादा ध्यान फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में दिया जा रहा है. 2015 से अबतक फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत राज्य में 154 करोड़ के 75 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं. 16 राइस मील समेत फूड प्रोसेसिंग की 75 इकाईयां खुली हैं. 19 जनवरी को कैबिनेट ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और फीड प्रसंस्करण उद्योग नीति-2015 को एक साल का एक्सटेंशन दे दिया है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर सरकार 34 से 45 फीसदी अनुदान दे रही है. अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जा सकता है. वहीं कोल्ड चेन और प्रिजर्वेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 7 करोड़ तक का इंसेंटिव मिल रहा है.
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50 एकड़ में औद्योगिक पार्क लगाने पर 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि
50 एकड़ क्षेत्रफल के औद्योगिक पार्क स्थापित करने वालों को सरकार 50 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रूप में दे रही है. इसके लिए अधिकतम सीमा 10 लाख निर्धारित है. वहीं तीन एकड़ क्षेत्रफल में विशिष्ट प्रकार के औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए आधारभूत संरचना मद में अधिकतम सात करोड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है. पॉलिसी के तहत झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा निवेशकों को रियायती दरों पर जमीन मुहैया करायी जा रही है. वहीं गोदामों, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), कोल्ड स्टोरेज, औद्योगिक समूहों से रेल-सड़क कनेक्टिविटी, टूल रूम आदि जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है.
औद्योगिक क्षेत्र में 10 हजार करोड़ का निवेश
वहीं नई उद्योग नीति के माध्यम से भी राज्य सरकार छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगपतियों को प्रोत्साहित कर रही है. राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए 2015 एकड़ का लैंडबैंक रखा है. नई उद्योग नीति बनने के बाद बड़े औद्योग घरानों ने 10 हजार करोड़ के निवेश की सहमति दी है. टाटा स्टील 3000 करोड़, डालमिया भारत ग्रुप 758 करोड़, आधुनिक पावर 1900 करोड़, सेल 4000 करोड़ और प्रेम रबर वर्क्स राज्य में 50 करोड़ निवेश करेगी.
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