Sanjay Singh
देश की बड़की पार्टिया में एक से बढ़ कर एक कलाकार नेताजी लोग पंजा लड़ावे ला बेचैन हैं. इनमें से कईगो का तो उनकी पार्टी के लोग ही नाम तक नहीं जानते हैं. लेकिन चुनाव आते ही इन लोग टिकट ला हांफे लगता है. रांची से दिल्ली एक कईले रहता है. बड़का-बड़का नेताजी लोग आगे पीछे घुरियाइल रहता है. मुर्गा-मछली -भात के पार्टिया खूबे देले रहता है. लेकिन पांच साल केने घुसाइल रहते हैं, बुझाइबे नहीं करता है, चुनाव आते ही कुआं से बाहरे निकल कर टरटराए लगता है. अब देखिए पंजा पार्टिया के प्रत्याशी लोग के स्क्रीनिंग करेला तीन-चार गो दिल्लीवाले नेताजी लोग झारखंड आइल थे.
देर रात तक पंजा लडा़वे ला बेचैन नेताजी लोग से बितायाइले थे. पानी-बुनी में भींग-भींग के नेताजी लोगन देर रात तक बायोडाटा लेले के दिल्ली से आइल नेताजी लोगन के सामने अपन पीठिया खुदे थफथपाइले था. दिल्ली वाला नेताजी ललोगन से मिले ला पंजा पार्टिया के कुछ आउटडेटेड नेताजी लोग भी दु-चार गो समर्थक साथे पहुंचल था. एगो पुरनका नेताजी को पंजा के चलती के समय विधायक सुख पा लीहिन थे, ऊहो पहुंचल थे. जवानी जिंदावाद वाला नेताजी लोगन धक्का-मुक्की कईले था, ई ओल्डमैन नेताजी साइड धरले थे, लेकिन जवानी जिदाबाद वाला लोग घासे नई डाल रहीस था. हंसते हुए कहते हैं- अरे ई सब तो अइसे ही नाटक हो रहल है. इ लोग जे बायोडाटा लेले हैं, ऊ सब इध्रे पेंक जाएगा. असल केला तो दिल्लीए में होगा. ऊपरे जेकर जईसन सेटिंग, ऊहे टिकटवा हथिया के ले आवेगा
चुनाव आया है, तो पंजा लड़ावेवाली पार्टिया में एगो अइसन नेताजी हटिया बाजार देने घूमे लगल हैं, जेकरा पार्टिया के लोग ठीक से जानबे न करता है. पार्टी का एगो ऑफिस है, श्रद्धानंद रोड में. शायद ऊ बरसाती मेंढक नेताजी को ईहो पता न होगा. काहें कि ऊ कथित नेताजी के कोई कभी पार्टी दफ्तरवा में देखबे नहीं किया है. पार्टी में लोग कहे लगा है कि ऊ नेताजी के एचईसी आवासीय परिसर में ससुरार है, तो वहीं रहे वाला एगो बड़का नेताजी के आगे-पीछे पैडल मारले रहते हैं. ऊ भी चुनाव के वक्त. पार्टिया में लोग कहता है कि ऊ नेताजी जमींदारो हैं. लोकल हैं, ढेरे जमीन के मालिकान हैं, जमीन बेच-बेच के मालामाल हो गईल हैं.
बैंक्वेट हॉल और न जाने कितना कुछ हैं. अब भाई से पास ढेरे पइसवा हो गिया है, तो प्रेम का प्रकाश फैइलावे के नाटक करेला तइयारे बइठल हैं. भाई जी के बिना कुछ कईले पंजा लड़ावे लगी हांफले हैं. लेकिन भाई प्रेम जी के कोई बता दीहिस कि भाई ईहां पंजवा लड़ावे लगी खाली प्रकाश फैलावे से कुछ न होवे वाला है. पार्टी-शार्टी तो देवेहीं पड़ेगा, मालो पत्तर खरचा करे पड़ेगा. नया-नया भादो भदवारी में पानिया बरसे लगा, कुओं ओवरप्लो हुईस तो नेताजी ऊपरा गिये, बारिश के पानिया साथे बह कर निकल आये. तो टरटराइले हैं. लोकल-वोकल का-का तो बोल लगे हैं.
हाले में पंजा लाड़ावेवाली पार्टिया के ढेरे बड़का-बड़का नेताजी लोगन का जुटान हुईस था, तो ई लाइटिंग करेवाले प्रेम भैया जी को मौका मिल गईस. चूंकि इनके पइसवा है, तो इनके आगे-पीछे भी ढेरे मल्लू-भल्लू लोग कईले रहता है. ऊ लोग लाइटिंग वाले प्रेम भाई के सजेस्ट कर दीहिन… हुजूर अपने बैंक्वेट हालवा में पंजा पार्टियावाला बड़का नेताजी लोगन के मीटिंग ला मुफ्तखोरी के इंतजामात कर दीजिए, कुछो न कुछो तो फायदवा होबे करेगा. फिर का था, लाइटिंग मैन नेताजी ने झट से मछरी-भातवाली पार्टिया की व्यवस्था कर दी. पार्टी के बड़का नेताजी लोगन के छक के मछरी-भात खिला दीहिन, फिर धीरे से कानावा में फुसके लगे, ख्याल रखिएगा मालिक.. हमहूं हटिया के बाजार में धमाल मचावल चाहते हैं. हालांकि ई लाइटिंग मैन नेताजी एगो पुरनका मंत्री जी के आगे ढेरे हाफॉडीप देले हैं. अपने लग्गू-भग्गू लोगन के साथे रोज पार्टी-शार्टी कईले हैं… कहले हैं, तनिको कोई सहाय बन जाए, तो बाजिया तो मारिए लेवेंगे. अब लग्गू-भग्गू लोगन के का है, खाए-पीए के इंतजाम होइए जा रहल है, शामो रंगीन होईए रहल है, तो नेताजी के जिंदाबाद करे में का हरजा है.
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