Ranchi: ऑर्किड अस्पताल की ओर से थर्ड एनुअल क्रिटिकल केयर कांफ्रेंस “क्रिटिकोन” का आयोजन किया गया. इस कांफ्रेंस में कई विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. निम्हांस के डॉ धवल शुक्ला, कोलकाता के कार्डियक सर्जन डॉ ललित कपूर ने इस दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में आ रहे बदलाव के बारे में जानकारी दी. डॉ धवल ने न्यूरो के इलाज में आ रहे बदलाव और उनमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऐसे कांफ्रेंस के आयोजन लगातार होते रहना चाहिए. दस साल में इलाज की पद्धति बदल जाती है, ऐसे में इस तरह के आयोजन से अपडेट होते रहता हैं. इसके अलावा डॉ ललित कपूर ने बताया कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि भारत के पूर्वी क्षेत्र में भी हृदय के बेहतरीन इलाज की सुविधा मौजूद है. किसी को कहीं और जाने की जरूरत नहीं है.
वहीं अस्पताल के चेयरमौन डॉ एससी जैन ने दी. कहा कि यहां सशक्त क्रिटिकल केयर टीम द्वारा मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से जूझते मरीजों का भी चिकित्सक इलाज करते है. ऑर्किड अस्पताल अपनी स्थापना के समय से ही उच्च गुणवत्ता युक्त क्रिटिकल केयर चिकित्सा झारखंड वासियों को मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है.
मौके पर अस्पताल के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डॉ पीके गुप्ता, कार्डियक सर्जन डॉ. नरेंद्र सिंह भोसले, क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. सौरभ कुमार और न्यूरो सर्जन डॉ. विक्रम सिंह ने संबोधित किया.
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न्यूरोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक, पल्मोनरी के परेशानियों पर भी हुई चर्चा
न्यूरोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक, पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस के बारे में भी कांफ्रेंस के दौरान विशेष तौर पर चर्चा की गई. वहीं ग्रेस्ट्रोलॉजी के विषय में भी विस्तार से चर्चा हुई. विशेषज्ञों ने बताया कि झारखंड में ग्रेस्ट्रो के मरीजों की संख्या बढ़ी है. पेंक्रियाज में शिकायत के साथ बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं. झारखंड में इस चीज का इलाज संभव है. इसकी जानकारी मरीजों को नहीं है, इसलिए वे कई बार दूसरे राज्यों में जाकर इलाज कराने को मजबूर हो जाते हैं.