Hyderabad : आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुमाला प्रसादम लड्डू में पशु चर्बी की कथित मिलावट के लिए रविवार को गुंटूर जिले के एक मंदिर में अपनी 11 दिवसीय प्रायश्चित दीक्षा शुरू की. पवन कल्याण ने गुंटूर जिले के नंबूर में श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पुजारियों द्वारा आयोजित पूजा और अनुष्ठान के बाद उपवास शुरू किया. अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने कहा कि दीक्षा के बाद वह तिरुमाला में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी का आशीर्वाद लेंगे. साथ ही ईश्वर से विनती करेंगे कि उन्हें पूर्व शासकों के पापों का प्रायश्चित करने की शक्ति प्रदान करें.
#WATCH | Andhra Pradesh Deputy CM Pawan Kalyan undertakes an 11-day ‘Prayaschitta Diksha’ at Sri Dasavatara Venkateswara Swamy Temple, in Guntur, over the alleged adulteration of the Tirumala’s Laddu Prasadam.
“I am deeply hurt on a personal level by the malicious attempts made… pic.twitter.com/r7Nm5ysbrW
— ANI (@ANI) September 22, 2024
तिरुमाला लड्डू प्रसाद को अत्यंत पवित्र माना जाता है
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह लड्डू प्रसादम में मछली और पशु चर्बी से मिलावटी घी इस्तेमाल किये जाने से दुखी हैं और इसलिए उन्होंने प्रायश्चित दीक्षा करने का फैसला लिया. दीक्षा शुरू करने से पहले दिये गये एक बयान में जन सेना के नेता पवन कल्याण ने कहा, हे, बालाजी भगवान! क्षमा करें प्रभु. तिरुमाला लड्डू प्रसाद जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है, वह प्रसाद पिछले शासकों की अनियंत्रित प्रवृत्ति के कारण अपवित्र हो गया था. पशु वसा के अवशेषों से दूषित हो गया था. ऐसे पाप क्रूर सोच वाले ही करते हैं. इस पाप को शुरुआत में न पहचान पाना हिंदू जाति पर कलंक की मानिंद है.
सनातन धर्म के अनुयायी को भगवान बालाजी के साथ हुए अन्याय के लिए प्रायश्चित करना चाहिए
उन्होंने कहा, जब मुझे पता चला कि लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी है, तो मेरा मन बहुत विचलित हो गया. मैं छला हुआ महसूस करने लगा. मैं जन कल्याण के लिए लड़ रहा हूं. मुझे दुख इस बात का हुआ कि शुरुआत में ऐसी समस्या मेरे ध्यान में नहीं आयी. सनातन धर्म के प्रत्येक अनुयायी को कलयुग के देवता भगवान बालाजी के साथ हुए इस घोर अन्याय के लिए प्रायश्चित करना चाहिए. इसी के तहत मैंने प्रायश्चित के लिए दीक्षा लेने का फैसला किया है.
धर्म की पुनर्स्थापना की दिशा में कदम उठाने का समय आ गया
पवन कल्याण ने आगे कहा कि केवल वे लोग ही ऐसा जघन्य अपराध कर सकते हैं, जिनका ईश्वर में विश्वास नहीं होता है और पाप कर्म का कोई भय नहीं होता है. मेरा दुख यह है कि बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी जो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम सिस्टम का हिस्सा हैं, वे भी वहां की गलतियों का पता नहीं लगा पाते हैं. यदि उन्हें पता चलता भी है, तो वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं. ऐसा लगता है कि वे उस समय के राक्षसी प्रवृत्ति वाले शासकों से डरते थे. उन्होंने यह भी कहा था, साक्षात बैकुंठ धाम माने जाने वाले तिरुमाला की पवित्रता, शिक्षाशास्त्र और धार्मिक कर्तव्यों की निंदा करने वाले पिछले शासकों के व्यवहार ने हिंदू धर्म का पालन करने वाले सभी लोगों को आहत किया है. इस बात पर भी मन अत्यंत व्याकुल है कि लड्डू प्रसाद बनाने में जानवरों की चर्बी वाले घी का इस्तेमाल किया गया था. धर्म की पुनर्स्थापना की दिशा में कदम उठाने का समय आ चुका है.