Medininagar: मेदिनीनगर की प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने कहा है कि आदिम जनजाति की नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या कोई सामान्य घटना नही है. हेमंत राज में इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश हो रही है, लेकिन वह ऐसा होने नहीं देगी. यह लडाई सिर्फ पीड़िता की मां की नहीं है, बल्कि यह सवाल महिला सुरक्षा और आदिवासी समाज से जुड़ा हुआ है. केंद्र की मोदी सरकार का यह निरंतर प्रयास है. वर्षों से विकास के मामले में पीछे छूट गया हमारा जनजाति समाज आगे बढ़े, पर राज्य सरकार के स्तर पर इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी जा रही है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रामगढ़ थाना क्षेत्र का वह गांव है. आखिर यह कैसा अबुआ राज है जहां आदिवासी समाज की बेटिया सुरक्षित नहीं हैं.
बिहार के सासाराम में तीन जून को हुई थी नाबालिग की हत्या
प्रथम महापौर शंकर पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र के इस गांव में जाकर परिजनों से मुलाकात करने के बाद उक्त बातें कहीं. आदिवासी समाज की बेटियां मानव तस्करी की शिकार हो रही हैं. शासन प्रशासन चुप है. इस गांव की बेटी की दुष्कर्म के बाद बिहार के सासाराम में तीन जून को हत्या की गयी थी. नरेश कोरवा ईंट भट्टा में उसे काम कराने के लिए ले गया था. उमा सिंह के ईंट भट्टा में वह काम करती थी. 6 जून को नाबालिग की मां की शिकायत पर रामगढ़ थाना में मामला दर्ज हुआ था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई पुलिस के स्तर से नहीं की गयी. अरुणा शंकर ने कहा कि झारखंड में महिला सुरक्षित नहीं है. पिछले चार वर्षों में लगभग छह हजार से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना घटी है. भाजपा चुप नहीं बैठेगी. हम इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे.
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