Ranchi: झारखंड राज्य यूं तो खनिज, खनन से जुड़े कार्यों के लिये जाना जाता है. लेकिन झारखंड को टूरिज्म के क्षेत्र में भी पहचान मिले इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं. झारखंड में टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं. ये बातें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित सभागार में आइटीडीसी और जेटीडीसी के बीच होटल अशोका के स्वामित्व को लेकर हुए एमओयू के दौरान कही.
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हेमंत सोरेन ने कहा कि पर्यटन विभाग की पहल पर आईटीडीसी और जेटीडीसी के बीच होटल अशोका की 51 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर जो एमओयू हुआ है, वह एक शुरुआत है और इस एमओयू के माध्यम से झारखंड में टूरिज्म के क्षेत्र में पहला पड़ाव हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि बीते 20 सालों में हम कुछ कदम विकास की ओर चले तो हैं, लेकिन कई ऐसे अनछूए क्षेत्र हैं जिनकी विकास की रूपरेखा अभी तैयार करनी है. उनमें टूरिज्म एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और राज्य में इससे रोजगार की असीम संभावनाएं हैं.
सीएम ने कहा कि कार्यक्रम छोटा ही सही लेकिन इसके विकास के बहुत ही व्यापक मायने हैं. टूरिज्म विभाग की यह ऐतिहासिक जीत है. करीब तीन एकड़ जमीन जिसकी संपत्ति तीन हाथों में थी, उस जमीन के स्वामित्व की दिशा में सरकार ने पहला पड़ाव हासिल किया है. जल्द ही बिहार सरकार के पूर्ण गठन के बाद पूर्ण स्वामित्व की दिशा में कदम बढ़ाया जायेगा.
इसे भी पढ़ें- नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय नेता, ब्रांड वैल्यू 336 करोड़हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अब होटल अशोका का एक बड़ा शेयर होल्डर हो गया है और इसके साथ ही टूरिज्म की दिशा के रास्ते भी खुल गये हैं. झारखंड-बिहार संपत्ति बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार अपनी संपत्ति को लेकर काफी संवदेनशील है.
पर्यटन विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि होटल अशोका में आइटीडीसी की करीब 51 फीसदी हिस्सेदारी थी जिसके स्वामित्व को लेकर जटीडीसी और आईटीडीसी के बीच एमओयू किया गया है. करीब 25 हजार शेयर अब झारखंड के स्वामित्व में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि होटल अशोका में कार्यरत करीब 24 कर्मचारियों को लाभ तो मिलेगा ही साथ ही शेष बची हिस्सेदारी के लिये बिहार सरकार से वार्ता की दौर जारी है जल्द ही उसका भी निराकरण किया जायेगा. आईटीडीसी के निदेशक पीयूष तिवारी और जेटीडीसी के निदेशक ए डोड्डे के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये तथा स्वामित्व का हस्तातंरण किया गया.
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पर्यटन विभाग के पदाधिकारी सहित आइटीडीसी और जेटीडीसी के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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