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कंपनियों को 6,700 करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों राज्य में बिजली की आपूर्ति के लिए वर्तमान 65 हजार करोड़ रुपये से लगभग 1.20 लाख मिलियन यूनिट खरीदी जानी है और इसके कारण कंपनियों को 6,700 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं आयोग ने कंपनियों से विभिन्न श्रेणीवार श्रेणियों के लिए प्रस्तावित बिजली दरों की रिपोर्ट दलब की थी. ताकि बिना किसी अंतर के सब्सिडी की भरपाई की जा सके.यह प्रस्ताव कंपनियों ने विद्युत नियामक बोर्ड को दिया है. अब इस पर प्रदेश की योगी सरकार को फैसला करना है.बिना सब्सिडी के बिजली टैरिफ प्रस्ताव दें
वहीं आयोग ने कंपनियों को आदेश दिया है कि वे राजस्व अंतर को शून्य बताते हुए बिना सब्सिडी के बिजली टैरिफ प्रस्ताव दें. जानकारी के मुताबिक बिजली कंपनियों की ओर से राज्य के विद्युत नियामक बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव में औद्योगिक क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली की दरों में 16 फीसदी, कमर्शियल दरों में 12 और कृषि की दरों में 10 से 12 प्रतिशत तक इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है. इसे भी पढ़ें - ‘शुभम">https://lagatar.in/shubham-sandesh-exclusive-in-hazaribagh-sheikh-bhikhari-medical-college-dead-people-are-also-eating-government-grain/">‘शुभमसंदेश’ एक्सक्लूसिव : यहां ‘मुर्दे’ भी खा रहे अनाज
किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था. लिहाजा सरकार अपने वादे को 100 दिनों के भीतर पूरा करना चाहती है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार सिंचाई बिजली फ्री करने के लिए सब्सिडी दे सकती है. राज्य में किसानों को मुफ्त बिजली देने पर सरकार को 2,000 करोड़ रुपये की वार्षिक सब्सिडी देनी होगी. वहीं सरकार पहले से ही अन्य श्रेणियों के लिए करीब 11,650 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है.राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की गई
वहीं बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की गई है. इसके मुताबिक बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से तकरीबन 25133 करोड़ रुपये अधिक पहले से वसूल लिये हैं. ऐसे में कंपनियों को बिजली की दारों में इजाफा करने की बजाये कम करने का प्रस्ताव देना चाहिए.उपभोक्ता परिषद ने मांग उठायी है. अगर इस आधार पर बिजली कंपनियों ने गौर किया तो आने वाले करीब पांच साल तक उपभोक्ताओं को काफी कम बिल भरना पड़ेगा. इसे भी पढ़ें - हातमा">https://lagatar.in/remembered-ancestors-by-worshiping-in-hatmas-masna-hadgadi/">हातमाके मसना हड़गड़ी में पूजा कर पूर्वजों को किया याद [wpse_comments_template]
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