Patna : नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण वहां से आने वाली गंडक, कोसी, महानंदा सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. कोसी और गंडक नदी के भी जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जलस्तर बढ़ने की वजह से कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये हैं. वहीं गंडक बराज के सभी 36 गेट खोले गये हैं. आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह 6 बजे कोसी बराज का जलस्तर 3,36,010 क्यूसेक था, जो नौ बजे बढ़कर 4.49 लाख क्यूसेक हो गया. वहीं शनिवार 11 बजे गंडक बराज का जलस्तर 4 लाख क्यूसेक से अधिक पहुंच गया था, जो 12 बजे बढ़कर 4.20 लाख क्यूसेक हो गया. गंडक नदी में भारी मात्रा में पानी आने से स्थानीय लोग दहशत में हैं.
बढ़ते जलस्तर को लेकर विभाग अलर्ट
जिला प्रशासन ने संभावना जतायी है कि वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज का जल प्रवाह 6.00 लाख क्यूसेक और वीरपुर स्थित कोसी बराज का जलस्तर बढ़कर 6.81 लाख क्यूसेक हो सकता है. नदी का जलस्तर इतना होना संभावित रूप से बाढ़ के गंभीर संकेत देते है. इस खतरे की घंटी को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों व संरचनाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैंप करने का निर्देश दिया है. सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का स्टोरेज कराया गया है. साथ ही जरूरत के अनुसार संवेदनशील व अतिसंवेदनशील जगहों के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए अतिरिक्त अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. विभाग के अंतर्गत सभी पदाधिकारियों का अवकाश अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है.
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बिहार सरकार सजग : डिप्टी सीएम
इधर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि सरकार किसी भी बाढ़ से निपटने को तैयार है. कुछ जगह जनता थोड़ी नाराज है लेकिन ये उनके लिए एक अग्नि परीक्षा है. बिहार में बाढ़ की ताजा स्थिति पर उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की नाराजगी इस बार बिहार में कुछ अधिक ही देखने को मिल रही है. सरकार किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सजग है. हम लोगों ने आरा और लखीसराय समेत कई स्थानों का दौरा किया है. बाढ़ का जलस्तर कभी कम होता है, कभी बढ़ता है, लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी बदलती हुई नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह एक अग्नि परीक्षा है. शासन और प्रशासन के लोग आपदा से पीड़ित लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि खजाने पर पहला अधिकार आपदा से पीड़ित लोगों का है. सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी.