Ranchi: श्री श्री महावीर मंडल पिठोरिया के तत्वावधान में रविवार को भव्य अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड के विभिन्न स्थानों से कुल 26 अखाड़ों ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत भूमि पूजन से हुई, जिसे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने विधिवत संपन्न कराया.
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, रांची विभाग के कार्यवाहक डॉ. सुनील, भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिला परिषद सदस्य मनोज महतो वाजपेई, रणधीर चौधरी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.प्रतियोगिता की शुरुआत से पूर्व, भाजपा नेता और महावीर मंडल के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अनिल टाइगर महतो को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इसके बाद उत्साह और जोश के साथ अस्त्र-
शस्त्र चालन प्रतियोगिता की विधिवत शुरुआत हुई.
पुरस्कार विजेताओं की सूची
• प्रथम पुरस्कार: श्री श्री बजरंग दल ज्योति क्लब, चटकपुर
o छह तलवार, एक भव्य ट्रॉफी एवं 5000 नकद
• द्वितीय पुरस्कार: शिव शक्ति बजरंग दल, सांगा
o चार तलवार, ट्रॉफी एवं 4000 नकद
• तृतीय पुरस्कार: मां सरना क्लब, मुंडा टोली अखाड़ा चान्हो
o चार तलवार, ट्रॉफी एवं 4000 नकद
• चतुर्थ पुरस्कार: पवनपुत्र क्लब, चाचगुड़ा
o चार तलवार, ट्रॉफी एवं 3000 नकद
• प्रोत्साहन पुरस्कार: श्री महावीर मंडल, खूंटी
o चार तलवार एवं 4000 नकद
विशेष पुरस्कार
• न्यू स्टार क्लब, मुंडा टोली पिठोरिया- तलवार एवं नकद प्रोत्साहन राशि
• PFC क्लब, अंबा टोली – तलवार एवं नकद राशि
इसके अतिरिक्त, सभी अन्य प्रतिभागी अखाड़ों को दूरी के आधार पर नकद सम्मान राशि और प्रतीक स्वरूप तलवार प्रदान कर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान
कार्यकारिणी सदस्य:
• अध्यक्ष: कृष्ण कुमार चौरसिया
• महामंत्री: राम प्रसाद गोप
• सह सचिव: सचिन सिकंदर नायक, संजय महतो
• कोषाध्यक्ष: बबलू महतो
• संरक्षक: विनोद रजक, दीपक चौरसिया, अनिल केसरी, धनुषधारी कृष्णा नायक सहित अन्य
मुख्य सहयोगी एवं आयोजक
राहुल साहू, विकास मुंडा, पूरन गोप, श्रवण गोप, शंकर महतो, अरुण केशरी, रंथू मिश्रा, सतीश रजक आदि
निर्णायक मंडली एवं प्रशासनिक सहयोग
• निर्णायक मंडली: शिवदास वर्मा, शंकर केसरी, नरेश केसरी सहित अन्य
• चिकित्सा प्रभारी: मुकेश राय
• मीडिया प्रभारी: मुरारी केसरी, सुजीत केसरी
• स्वागतकर्ता: पंकज रजक, अमर ठाकुर आदि
इस भव्य आयोजन ने पारंपरिक संस्कृति, परंपरा और अखाड़ा परंपरा को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बड़ी संख्या में उपस्थित दर्शकों और युवाओं की भागीदारी ने इस प्रतियोगिता को सफल बनाया.