Hussain Ansari
Lohardaga: जिले में कार्यरत मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर 18 जुलाई से जिला मुख्यालय पर सांकेतिक हड़ताल पर बैठे हुए हैं. मनरेगा कर्मी अल्प मानदेय में वृद्धि, पक्की नौकरी और अन्य मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल पर डटे हुए हैं. लोहरदगा जिला मनरेगा कर्मचारी संघ द्वारा सांकेतिक हड़ताल पर चले जाने से जिले में संचालित केंद्र सरकार की योजनाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. यहां पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी सात सहायक अभियंता, छह कनीय अभियंता, 12 लेखा सहायक, छह कम्प्यूटर सहायक सात कुल ग्राम रोजगार 65 कार्यरत हैं. बता दें कि लोहरदगा जिला में कुल 103 मनरेगा कर्मी कार्यरत हैं. जिनका सरकार से शिकायत है कि इन्हें विगत 17 वर्षों से अल्प मानदेय में काम लिया जाता है. दूसरे राज्यों की तुलना झारखंड प्रदेश में कार्यरत मनरेगा कर्मियों को कार्य के अनुरूप सम्मान जनक मानदेय नहीं दी जाती है.
12 हजार में मात्र तीन हजार कर्मी रहे काम पर
जानकारी के मुताबिक लोहरदगा जिला में विगत 18 जुलाई से पहले लगभग 12 से 14 हजार मजदूर मनरेगा योजना के तहत योजनाओं में काम करते थे. मनरेगा कर्मियों के तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर चले जाने से 20 जुलाई को लगभग 2 हजार 945 मजदूर ही योजनाओं में कार्य कर रहे हैं. वहीं मनरेगा कर्मियों ने बताया कि लोहरदगा जिला में कार्यरत मनरेगा कर्मियों के नियमित कार्य करने पर लगभग 37 सौ योजना संचालित होती थी, लेकिन बीते तीन दिनों से मनरेगा कर्मियों का सांकेतिक हड़ताल में चले जाने से जिले में अब महज 803 योजना में काम चल रही है. यहां पर बता दें कि लोहरदगा जिला में कुल रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या एक लाख 95 हजार 174 और जाॅब कार्ड धारकों की कुल संख्या 98 हजार 169 है.
भंडरा प्रखंड में एक हजार 919 योजनाएं संचालित हैं
लोहरदगा जिला अंतर्गत भंडरा प्रखंड में एक हजार 919 योजनाएं संचालित हैं. इधर कैरो प्रखंड में कुल 1430 योजना में काम चल रहा है. साथ ही किस्को प्रखंड में 2192 और कुड़ू प्रखंड में 3179 एवं लोहरदगा सदर प्रखंड में 2459 योजना संचालित है. इसी तरह जिले के अति सुदूरवर्ती एवं उग्रवाद प्रभावित पेशरार प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना अंतर्गत कुल 12 सौ 84 योजनाएं चलाई जा रही है. वहीं सेन्हा प्रखंड क्षेत्र में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 27 सौ 56 योजना धरातल पर संचालित है. यहां पर मनरेगा कर्मियों के सांकेतिक हड़ताल पर चले जाने से इन सभी योजनाओं में गति के जगह स्थिरता दिखाई दे रहा है.
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