Ranchi: भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रांची की क्रिटिकल केयर टीम ने ‘बेसिक्स ऑफ रिसेसिटेशन- फ्लूइड्स एंड वेंटिलेशन’ विषय पर शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के डॉ. अनिर्बन चौधरी, रिम्स क्रिटिकल केयर विभाग के हेड डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य और क्रिटकल केयर एसोसिएशन ऑफ रांची के डॉ. रास कुजूर मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख सह मेडिका रांची के मेडिकल डायरेक्टर डॉ विजय मिश्रा ने की.
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मरीजों के इलाज में गोल्डन आवर होता है सबसे महत्वपूर्ण
डॉ विजय मिश्रा ने बताया कि रिसेसिटेशन में फ्लूइड और वेंटिलेशन की महत्वता को उजागर करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया. किसी भी इमरजेंसी पेशेंट में जो भी हस्तक्षेप करने की जरूरत पड़ती है, उस दौरान उसका रिसेसिटेशन होता है. अगर गोल्डन आवर में बेहतर इलाज मिल जाए तो फाइनल रिजल्ट में जमीन आसमान का फर्क पड़ सकता है. डॉ. विजय मिश्रा ने कहा कि छोटे जिलों में भी कैसे उचित इलाज कर ठीक किया जा सकता है या किसी बड़े हायर सेंटर में इलाज के लिए भेजने के योग्य बनाया जा सकता है इन सभी की जानकारी दी गई.
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विभिन्न जिलों के 62 डॉक्टर हुए शामिल
इस कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से 62 डॉक्टर्स शामिल हुए, जिन्हें किसी भी सीरियस मरीज में वेंटिलेटर लगाना हो तो कैसे शुरुआत करें इन सभी की बारीकी से जानकारी दी गई. मेडिका क्रिटिकल केयर टीम के डॉ राजेश सिंह, डॉ विशाल विनोद, डॉ योगेश जैन, डॉ रोहित सेंगर एवं डॉ. राहुल रॉय ने कार्यशाला में शामिल डॉक्टरों को बताया कि किसी मरीज को पुनर्जीवन देने के लिए क्या जरूरी उपाय किए जाएं. बताया गया कि जब कोई मरीज आपके पास या आपके हॉस्पिटल में आये तो कैसे तुरंत उनका इलाज शुरू किया जाये और कैसे जरूरत के अनुसार, ऑक्सीजन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. मेडिका के एवीपी अनिल कुमार ने बताया कि मेडिका अपने सामाजिक दायित्व के तहत इस तरह की कार्यशाला का आयोजन आगे भी करता रहेगा. देर शाम कार्यशाला में शामिल चिकित्सकों को प्रमाण पत्र भी दिया गया.