Saurav Singh
Ranchi : आज से एक दशक पहले यानी साल 2014 में झारखंड के 23 जिले के 131 थाना क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव था. लेकिन सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियान की वजह से वर्तमान में झारखंड के सिर्फ सात जिले के 18 थाना क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव रह गया है. यानी पिछले एक दशक में झारखंड के 16 जिले के 113 थाना क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो गये हैं.
साल 2014 में इन 23 जिलों के 131 थाना क्षेत्रों में था नक्सलियों का दबदबा :
- – गढ़वा : खरौंदी, भवनाथपुर, कांडी, नगर उटारी, रमना, चिनिया, रंका, भंडरिया और धुरकी.
- – पलामू : लेस्लीगंज, पांकी, मनातू , हैदरनगर, मोहम्मदगंज और हरिहरगंज.
- – लातेहार : मनिका, हेरहंज, बालूमाथ, चंदवा, गारु, बरवाडीह, नेतरहाट, महुआडांड़.
- – चतरा : लावालौंग, टंडवा, सिमरिया, इटखोरी, राजपुर, पिपरवार. सदर
- – लोहरदगा : किस्को, कुड़, भंडरा, कैरो, जोबांग.
- – गुमला : डुमरी, चैनपुर, रायडीह, पालकोट, कामडारा, घाघरा, गुरदारी.
- – खूंटी : तोरपा, मुरहू, खूंटी, अड़की, रनिया.
- – सिमडेगा : कोलेबिरा, जलड़ंगा, बोलबा.
- – रांची : नामकुम, दशम फॉल, बेडो, अनगडा, सिल्ली, बुढ़मू, मैक्लुस्कीगंज, बुंडू.
- – चाईबासा : टोंटो, सोनूवा, टेबो, बंदगांव, गोईलकेरा, मुफ्फसिल, कराईकेला, टोकलो, छोटानागरा, गुवा, नोवामुंडी, किरीबुरू, जराइकेला.
- – हजारीबाग : चौपारण, कटकमसांडी, बरही, बड़कागांव, केरेडारी, चुरचू, विष्णुगढ़, उरीमारी, बरकट्ठा.
- – रामगढ़ : गोला.
- – बोकारो : कसमार, महुआडांड़, गोमिया, नावाडीह, बीटीपीएस, तेनुघाट, बेरमो.
- – कोडरमा : मरकच्चो, जयनगर, डोमचांच.
- – गिरिडीह : देवरी, निमियाघाट, बगोदर, सरिया, पीरटांड, जमुआ, बेंगाबाद, तीसरी, गावां, भेलवाघाटी.
- – धनबाद : बरवाअड्डा, टुंडी, राजगंज, निरसा.
- – देवघर : जसीडीह, मधुपुर, मोहनपुर.
- – सरायकेला : खरसावां, चौका, चांडिल, ईचागढ़, कूचाई, कोवाली.
- – जमशेदपुर : श्यामसुंदरपुर, गुड़ाबांदा, धालभूमगढ़, चाकुलिया, पोटका, घाटशिला, एमजीएम, पटमदा, बोराम.
- – जामताड़ा : नाला, कुंडहित.
- – दुमका : शिकाडीपाड़ा, गोपीकांदर.
- – गोड्डा : सुंदरपहाड़ी, मेहरामा,
- – पाकुड : लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया.
इन सात जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में अभी भी नक्सलियों का प्रभाव :
- – पलामू : मोहम्मदगंज, हरिहरगंज, पांकी.
- – चतरा : लावालौंग.
- – लातेहार : चंदवा, नेतरहाट.
- – लोहरदगा : कैरो, जोबांग.
- – हजारीबाग : कटकमसांडी, केरेडारी.
- – गिरिडीह : डुमरी, पीरटांड़,
- – चाईबासा : टोंटो, छोटानागरा, जाराईकेला, गोईलकेरा, टेबो, कराईकेला
9 राज्यों के 38 जिलों में सिर्फ माओवाद का प्रभाव
केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद देश के 9 राज्यों के 38 जिलों में अब सिर्फ माओवाद प्रभाव होने की बात सामने आयी है. इनमें झारखंड के पांच जिले भी शामिल हैं. केंद्र सरकार ने माओवाद प्रभाव के आधार पर एलडब्लूई (लेफ्ट विंग एक्सट्रीम) जिलों को तीन श्रेणियां में बांटा है. पहली श्रेणी में नक्सल प्रभाव वाले जिलों को रखा गया है. दूसरी श्रेणी में उन जिलों को रखा गया है, जो अति माओवाद प्रभावित है. तीसरी श्रेणी में उन जिलों को रखा गया है, जहां माओवाद का प्रभाव कम हो गया है, लेकिन अब भी वहां नजर रखने की जरुरत है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा माओवाद प्रभावित जिले हैं. इनमें पश्चिमी सिंहभूम को अति माओवाद प्रभावित जिले की सूची में रखा गया है. जबकि शेष चार नक्सल प्रभाव वाले जिलों गिरिडीह, गुमला, लातेहार व लोहरदगा को डिस्ट्रिक्ट आफ कंर्सन (डीओसी) की सूची में रखा गया है.
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