Mayank Viswakarma Latehar: प्रखंड क्षेत्र में काम नहीं होने एवं बढ़ती बेरोजगारी के बीच युवकों का दूसरे प्रदेशों में पलायन का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है. पलायन रोकने के दिशा में सरकारी स्तर पर ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं. निजी स्तर पर यहां संचालित छोटे-छोटे उद्योग धंधा बेरोजगारी को कम करने में पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो रहा है. गुरुवार की रात्रि में बरवाडीह प्रखंड के छिपादोहर पंचायत से दर्जनों लोग बरवाडीह रेलवे स्टेशन पहुंच कर अपने व अपने परिवार के भरण–पोषण के लिए केरल के लिए पलायन कर गये. पलायन कर रहे युवाओं में से प्रदीप परहिया, मनोज परहिया, विकास परहिया, दीपक सिंह और विकास टोप्पो समेत कई लोगो ने बताया की अगर हमारे क्षेत्र में रोजगार का कोई स्त्रोत होता तो वे अपना घर–परिवार को छोड़ कर दूसरे प्रदेश नहीं जाते. सरकारी काम में बिचौलियागिरी हावी है. मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिलता है. बिचौलिया काम कराते हैं और निर्धारित मजदूरी तक हीं देते हैं. सांसद, विधायक एवं सरकार हर बार रोजगार देने का सिर्फ झूठा आश्वासन देती है. बता दें कि सरकारी तौर पर भले ही रोजगार के अवसर बहाल करने के दावे किए जाते हैं लेकिन यहां जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है. शिक्षित बेरोजगारों के अलावा बड़ी संख्या में दैनिक मजदूर खासकर पंजाब, दिल्ली, केरल की ओर चले जा रहे हैं. ये सिर्फ पर्व त्योहार के मौके पर ही अपने गांव लौटते हैं. मनरेगा से मोह भंग हो चुके खेतों में कार्य करने वाले दैनिक मजदूर हरियाणा, पंजाब की खेतों में फसल उगा रहे हैं. खासकर पर्व त्योहार के बाद यहां से लोगों का पलायन का सिलसिला और बढ़ जाता है. जाहिर है कि देश के विभिन्न हिस्सों में कार्य कर रहे यहां के मजदूर जब अपने गांव पर्व त्योहार के मौके पर लौटते हैं तो महानगर वापसी के समय अपने साथ कुछ अन्य लोगों को भी रोजगार दिलाने के लिए महानगरों की ओर लेकर निकल जाते हैं. इसे भी पढ़ें - रांची">https://lagatar.in/ranchi-minister-alamgirs-osd-sanjeev-asked-for-bail/">रांची
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लातेहार: रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं युवक

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