Chakradharpur (Rahul Hembrom) : पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित चिड़िया माइंस में कार्यरत 452 मजदूरों की छंटनी पर पुनर्विचार करने के लिए भाजपा महिला मोर्चा की झारखंड प्रदेश सदस्य मालती गिलुवा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में चक्रधरपुर की भाजपा नेत्री ने कहा है कि झारखण्ड प्रदेश के पश्चिमी सिंहभूम जिला अन्तर्गत चिड़िया माइंस लौह अयस्क माइंस है. यहां वर्षों से कई मजदूर कार्यरत हैं और अपनी जीविकोपार्जन करते हैं. इनके पास अपनी जीविका चलाने का यही एक मात्र साधन है.
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छंटनी हुई तो भूखे मरने की आ जाएगी नौबत
पत्र मे बताया गया है कि चिड़िया माइंस में वर्ष 2017 में एक हजार मजदूरों की छंटनी हुई थी और 452 मजदूर रह गए. अब 22 जून को केन्द्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा उन 452 मजदूरों को भी माइंस से छंटनी कर देने का आदेश पारित हुआ है, जिससे मजदूरों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है. यह सभी मजदूर अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण उक्त माइंस में ही कार्य कर करते हैं. यदि इन लोगों की छंटनी हो जाती है, तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.
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क्यों नहीं तलाशा गया छंटनी का विकल्प
भाजपा नेत्री ने इस ज्वलंत मुद्दे पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता बताई. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि श्रम मंत्रालय द्वारा मजदूरों की छंटनी करने का ही आदेश पारित क्यों कर दिया गया यह समझ से परे है, जबकि कोई और विकल्प तलाशना चाहिए था. जिससे मजदूर उक्त माइंस में ही मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. भाजपा नेत्री मालती गिलुवा ने प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए इस पर पुनर्विचार कर मजदूरों की छंटनी न कर कोई अन्य विकल्प तलाश कर मजदूरों को राहत देने की मांग की है.