Ranchi : राज्यभर में 1100 करोड़ की शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का काम तकनीकी कारणों से पूरा नहीं हो पा रहा है. करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी योजनाएं पांच साल से ज्यादा समय से पेंडिंग हैं. इसमें सबसे बड़ी जलापूर्ति योजना 650 करोड़ की गोविंदपुर नॉर्थ और साउथ जलापूर्ति योजना है. वहीं 138 करोड़ की साहिबगंज मल्टी विलेज जलापूर्ति योजना और 300 करोड़ की पांकी छतरपुर जलापूर्ति योजना का काम अधर में लटका हुआ है.
इन बड़ी जलापूर्ति योजनाओं के साथ 50 से अधिक ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का काम तकनीकी कारणों से आगे नहीं बढ़ पा रहा है.
प्रदेश के 54.08 लाख घरों में से मात्र 5.48 लाख घरों में ही वाटर कनेक्शन पहुंच पाया है. अभी भी 49 लाख से ज्यादा घरों में वाटर कनेक्शन देने का काम बाकी है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने दावा किया है कि 34 प्रतिशत आबादी को टैप वाटर उपलब्ध कराया जायेगा.
मगर अरबों की जलापूर्ति योजनाओं का काम वर्षों से लंबित रहने की वजह से विभाग का यह दावा खोखला साबित हो रहा है.
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शहरी जलापूर्ति योजनाओं का काम भी बेहद धीमा
पेयजल विभाग द्वारा वर्तमान में 17 जिलों में शहरी जलापूर्ति योजना का काम चल रहा है. इसमें से मात्र 4 शहरी जलापूर्ति योजनाओं का काम मात्र 50 प्रतिशत हो पाया है. कई योजनायें धरातल पर उतरी ही नहीं हैं. पेयजल विभाग पिछले पांच वर्षों में एक भी जलापूर्ति योजना को पूरा नहीं कर पाया है.
200 करोड़ खर्च के बाद भी काम धीमा
प्रदेश भर में अभी करीब 2000 करोड़ की शहरी जलापूर्ति योजनाओं का काम किया जा रहा है. इसमें से 200 करोड़ खर्च होने के बाद भी जलापूर्ति योजनाओं का काम धीमा है. रांची और धनबाद शहरी जलापूर्ति योजना का काम भी बेहद धीमा है. दोनों जलापूर्ति योजनाओं के फेज वन का काम संतोषजनक नहीं रहा. फेज वन में धनबाद में 19 प्रतिशत और रांची में 23 प्रतिशत ही काम हुआ है.
वहीं दूसरे फेज में रांची में दो प्रतिशत और धनबाद में शून्य प्रतिशत काम हुआ है. ऐसे में समय पर योजनाओं से लोगों को पानी मिलना असंभव लग रहा है.
इन जलापूर्ति योजनाओं का काम है लंबित
जिन जिलों में जलापूर्ति योजनाओं का काम पेंडिंग पड़ा है उनमें- साहेबगंज और पाकुड़ शहरी जलापूर्ति योजना, दुमका, झुमरीतिलैया, गुमला शहरी जलापूर्ति योजना, गढ़वा शहरी जलापूर्ति योजना, मिहिजामा शहरी जलापूर्ति योजना, जामताड़ा शहरी जलापूर्ति योजना, चाईबासा शहरी जलापूर्ति योजना, जामताड़ा शहरी जलापूर्ति योजना, कतरास, मानगो जलापूर्ति योजना हैं.
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