Oslo : नार्वे में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन को लगाने का काम शुरू किये जाने के बाद अब तक 33 हजार लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है. खबर है कि नार्वे मेडिसिन एजेंसी ने कहा है कि इनमें 29 लोगों में साइड इफेक्ट देखे गये हैं, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गयी है.
बता दें कि नार्वे में इस बात की पहले ही घोषणा की जा चुकी थी कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट होंगे. अब
रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार नार्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने देश के राष्ट्रीय प्रसारक एनआरके से बातचीत में जानकारी दी कि इन 13 मौतों में नौ गंभीर साइड इफेक्ट और सात कम गंभीर साइड इफेक्ट के मामले हैं..
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80 साल के ऊपर के मरीजों की मौत हुई
नार्वे में कुल 23 लोगों की मौत को वैक्सीन लगवाने से जोड़कर देख जा रहा है. इनमें से अब तक 13 लोगों की जांच की गयी है. मैडसेन के अनुसार जिन लोगों के मौत की जांच की गयी है, उनमें कमजोर, बुजुर्ग लोग थे जो नर्सिंग होम में रहते थे. जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें सभी की उम्र 80 साल के ऊपर थी.
उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा जिससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गये इससे आगे चलकर उनकी मौत हो गयी.
मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने इस बात पर बल दिया कि इस तरह के मामले दुर्लभ हैं. हजारों ऐसे मरीजों को यह टीका लगाया गया है, जिन्हें हृदय से संबंधित बीमारी, डिमेन्सिया और कई अन्य गंभीर बीमारियां थीं. उन्होंने कहा कि वे अभी साइड इफेक्ट के इन मामलों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हैं.
मैडसेन ने कहा, डॉक्टरों को निश्चित रूप से सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है. जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और अंतिम सांसें गिन रहे हैं, उन्हें एक-एक करके जांच करने के बाद ही टीका लगाया जाये.
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