Ranchi : ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपल्बध कराने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) योजना की मजदूरी का भुगतान तीन माह से रूका हुआ है. इस समय मजदूरी मद में राज्य के मनरेगा मजदूरों का 355 करोड़, 25 लाख से अधिक का बकाया हो गया है. वहीं झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार के मनरेगा मजदूरों को नियमित भुगतान किया जा रहा है. झारखंड सरकार ने मनरेगा के तहत राज्य में काम करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 1 अप्रैल 2021 से बढा दी है. इसके तहत मजदूरी 194 रुपये के स्थान पर 225 रुपये की गयी है. लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अपने हिस्से की राशि नहीं दिये जाने का खमियाजा राज्य के मनरेगा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है.
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राज्य सरकार के आरएस खाते में 700 करोड़ रु. जमा हैं
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय मनरेगा निदेशालय के परर्मश के अनुसार राज्य सरकार की ओर से बढ़ायी गयी मजदूरी को सामग्री मद में संयोजन किया जाना है. राज्य सरकार के मनरेगा आरएस फंड में करीब 700 करोड़ से अधिक की राशि मौजद होने के बाद भी केंद्रीय आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. वही मजदूरी भुगतान में विलंब होने की दूसरी वजह एसटी-एससी कैटेगरी को अलग कर अबंटन उपल्बध करना है.
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फंड रिलीज ऑर्डर जारी की जा चुकी है
मनरेगा की वेबसाइट के अनुसार 23 लाख 91 हजार 84 ट्रांजेक्शन के माध्यम से 1 लाख 45 हजार 993 फंड रिलीज ऑर्डर जारी की जा चुकी है. जिसमें 355 करोड़, 11 लाख,7 हजार 800 रूपये मजदूरी मद में भुगतान किया जाना है. यह लंबित भुगतान अप्रैल 2021 से 16 अगस्त 2021 तक है.
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दो सप्ताह के अंदर मजदूरों को भुगतान का प्रावधान
मनरेगा कानून के अनुसार हर हाल में दो सप्ताह के अंदर मजदूरों को भुगतान करने का प्रावधान है. लेकिन वर्तमान में दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मजदरों को बकाये का भुगतान नहीं किया गया है. वहीं चालू वित्त वर्ष में हजारों मजदूरों की मजदूरी अप्रैल माह से ही बकाया है.