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Ranchi : क्रॉप फेलियर और लोन न चुका पाने के कारण देशभर में कई किसानों ने आत्महत्या की. अन्नदाताओं की परेशानी देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई स्कीम और योजनाएं शुरू की. झारखंड में किसानों के ऋण संबंधी मामलों को सरकार ने प्राथमिकता देते हुए ऋण माफी योजना की शुरुआत की. हेमंत सरकार ने अपनी पहली वर्षगांठ 29 दिसंबर 2020 को इस योजना की घोषणा की थी. योजना के तहत राज्य के किसानों का 50,000 तक को लोन माफ किया जाएगा. लोन की भरपाई करने का जिम्मा सरकार ने लिया.
रांची जिले में इस योजना के तहत 14573 किसानों को लाभ दिया जा चुका है. वहीं इस वित्तीय वर्ष के लिए भी जिले के किसानों के ऋण माफी के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वर्ष 2021 में इस योजना के लिए सरकार ने 1200 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
सरकार निर्धारित करती है कि किस फसल के लिए दिया जा सकता है कितना लोन
किसानों को फसल उपज में मदद करने के लिए सरकार विभिन्न फसलों के लिए कितना ऋण दिया जाए, यह मानक तय करती है. उसके मुताबिक किसानों को बैंकों से उस निर्धारित फसल के लिए उतना ही लोन दिया जाता है. प्रति हेक्टेयर या प्रति एकड़ भूमि के हिसाब से किसानों को ऋण दिया जाता है. इसमें अधिकतम 1,75,036 रुपये प्रति हेक्टेयर, जो कि अदरक की खेती के लिए और कम से कम 31,161 रुपये प्रति हेक्टेयर सरसों की खेती के लिए दिया जाता है. वहीं धान की खेती के लिए 41,886 रुपये प्रति हेक्टेयर और 33,316 रुपये प्रति हेक्टेयर, मक्का के लिए 48,337 रुपये, गेहूं के लिए 53,771 रुपये, आलू के लिए 1,26,056 रुपये, प्याज के लिए 87,223 रुपये (आंकड़े प्रति हेक्टेयर) का लोन दिया जाता है.
जानें कृषि ऋण माफी योजना के बारे में
कृषि ऋण माफी योजना झारखंड सरकार की योजना है. इसे छोटे और सीमांत किसानों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था. इसके तहत सरकार किसानों का 50,000 रुपये तक का लोन माफ करती है. 2020-21 के लिए सरकार ने इसके लिए 2000 करोड़ की राशि आवंटित की थी. वहीं इस वर्ष भी योजना को जारी रखते हुए सरकार के बजट में 1200 करोड़ रुपये की राशि योजना के लिए आवंटित किया गया है. इसके साथ ही ऋण माफी की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये भी की गयी है.
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