LagatarDesk : ट्रेडिशनल बैंकिंग की समस्या को दूर करने के लिए देश के 15 बैंक मिलकर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने का फैसला किया है. इसमें साख पत्र (एलसी), जीएसटी चलान, और ई-वे बिल संबंधी समस्याओं को टेक्नोलॉजी के माध्यम से हल किया जायेगा. यह सिस्टम इंफोसिस के ब्लॉकचेन आधारित प्लेटफॉर्म Finacle Connect पर डिजाइन होगा. भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा, एक्सिस बैंक और अन्य 11 बैंकों ने साथ मिलकर एक नयी कंपनी बनायी है. इसका नाम द इंडियन बैंक्स ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (IBBIC) है.
सभी बैंकों की 6.66 फीसदी होगी हिस्सेदारी
यह नये नियम इस साल शुरू हो सकती है. इस पर सभी बैंक की सामान्य हिस्सेदारी 6.66 फीसदी होगी. इस टेक्नोलॉजी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि भविष्य में कोई भी बैंक इसमें आसानी से जुड़ सकें.
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ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से पेपर वर्क होगा कम
इससे पेपर वर्क काफी कम हो जायेगा. साथ ही ट्रांजैक्शन प्रोसेस में समय भी कम लगेगा. इसके अलावा हर तरह का ट्रांजैक्शन ऑन रिकॉर्ड और सिक्यॉर्ड होगा. यह मध्यम और लघु-स्तरीय उद्यमों यानी एमएसएमई के लिए एक वरदान हो सकता है.
इनवॉयस को आसानी से टोकन में किया जा सकेगा कंवर्ट
अगर Letters of Credit को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित टोकन के रूप में जारी किया जाता है तो प्रॉसेस में लगने वाला समय घट जाएगा. इसके अलावा ह्यूमन एरर की गुंजाइश नहीं रहेगी. साथ ही फ्रॉड की संभावना भी नहीं रहेगी. इस टेक्नोलॉजी की मदद से बेसिक इनवॉइस को टोकन के रूप में कंवर्ट कर दिया जायेगा. इसी टोकन का इस्तेमाल पेमेंट के लिए किया जायेगा.
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एमएसएमई और बिजनेस मैन के लिए लाभदायक
Letters of Credit बिजनेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह बैंक द्वारा जारी किया जाता है. जब कोई बैंक एलसी जारी करता है तो वह जारी विक्रेता यानी सेलर को वादा करता है कि बायर उसके पैसे का भुगतान समय पर कर देगा. यदि बायर या खरीदार भुगतान नहीं कर पाता है तो बैंक उस बकाया का भुगतान करता है.
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट इसी टेक्नोलॉजी पर है आधारित
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने से कई तरह की समस्या का समाधान होगा. इस ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से एक ही चालान पर दो एलसी जारी करने जैसी धोखाधड़ी को आसानी से रोका जा सकता है. यह वहीं टेक्नोलॉजी है जिस पर बिटकॉइन, इथीरियम, डोजिक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी आधारित है. पिछले एक साल में काफी तेजी बढ़ी है.
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इसके लिए बैंक की 15 सदस्यीय टीम
15 सदस्यीय बैंकों में 4 सरकारी और 11 प्राइवेट सेक्टर के बैंक हैं. चार सरकारी बैंक, एसबीआई, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा हैं. इसके अलावा प्राइवेट बैंकों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, यस बैंक, आरबीएल बैंक, आईडीएफसी बैंक, साउथ इंडियन बैंक और फेडरल बैंक शामिल हैं. इसके अलावा एक इंटरनेशनल बैंक Standard Chartered भी इस क्लब में शामिल है.