Ranchi : कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने वर्ष 2015 में ब्रह्मडीहा कोल ब्लाक में रखे कोयला जब्त किया था. और कोयला को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया था. लेकिन वर्ष 2020 में दो हजार टन कोयले की चोरी कर ली गयी थी. इस मामले की ढाई साल बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है. इस मामले को झारखंड सीआईडी ने अप्रैल 2021 में टेकओवर कर मामले की जांच शुरू की थी. पुलिस मुख्यालय के आदेश पर कोयला चोरी के इस मामले को टेकओवर किये ढाई साल बीत गये, पर सीआईडी अबतक कोई ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. ना ही इस मामले की अबतक जांच पूरी हो पायी है.
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सीबीआई के फर्जी अधिकारियों पर ही मामला दर्ज किया था
बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीआईडी ने सीबीआई के फर्जी अधिकारियों पर ही मामला दर्ज किया था. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2020 में खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर चार लोग कोल ब्लॉक में आये थे. फर्जी कागजात दिखाकर जब्त कोयले की बिक्री संबंधी बातकर तकरीबन दो हजार टन कोयला स्टॉक से चोरी कर ली थी. मामला सामने आने के बाद गिरिडीह मुफस्सिल थाने में इस संबंध में चार अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया गया था.
सीबीआई अधिकारी बन ट्रक में ले गये कोयला
प्राथमिकी के अनुसार, फरवरी 2020 में चार लोग सीबीआई अधिकारी बताकर ब्रह्मडीहा कोयला खदान के पास पहुंचे. उनलोगों ने जय मां गायत्री एंटरप्राइजेज नाम की कंपनी के नाम का जिक्र करते हुए एक पत्र दिखाकर वहां तैनात गार्ड से कहा, उक्त कंपनी को कोयला छोड़ने का आदेश जारी किया गया है. इसके अलावे तैनात गार्ड को प्रति ट्रक दस हजार रुपये का लालच दिया. इसके बाद 11 ट्रक में लादकर कोयला ले गये. घटना तब सामने आयी, जब मीडिया ने सनसनीखेज कोयला चोरी का पर्दाफाश किया. शिकायतकर्ता को पुलिस द्वारा मामले की जांच करने के बाद उसे धोखाधड़ी का एहसास हुआ. इसके बाद सुरक्षा पर्यवेक्षक मो. साबुल की लिखित शिकायत पर 4 जुलाई 2020 को गिरिडीह मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई.
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