LagatarDesk : कारगिल युद्ध में भारत को मिली जीत के 22 साल पूरे हो चुके हैं. बता दें कि हर साल 26 जुलाई को भारत में ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध में शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद किया जाता है. यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर हुई थी. जिसकी शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों ने की. पाकिस्तान के सैनिकों ने भारतीय हिस्से में घुसपैठ कर अपने ठिकाने बना लिए थे. लेकिन आखिर में भारत ने इन्हें खदेड़ दिया था. यह युद्ध तकरीबन 60 दिनों तक चला था.
पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि दी. पीएम मोदी ने भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि आज करगिल दिवस के मौके पर हम उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी. उनकी बहादुरी हमें हर दिन प्रेरणा देती है.
We remember their sacrifices.
We remember their valour.
Today, on Kargil Vijay Diwas we pay homage to all those who lost their lives in Kargil protecting our nation. Their bravery motivates us every single day.
Also sharing an excerpt from last year’s ’Mann Ki Baat.’ pic.twitter.com/jC42es8OLz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2021
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लिखा कि कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं भारतीय सेना के अदम्य शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूं. इसी के साथ उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया.
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं भारतीय सेना के अदम्य शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूँ। pic.twitter.com/vAzQJ7dLEV
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2021
हमारे तिरंगे की गरिमा में अपनी जान देने वाले प्रत्येक सेनानी को दिल से श्रद्धांजलि। देश की सुरक्षा के लिए आपके व आपके परिवारों के इस सर्वोच्च बलिदान को हम हमेशा याद करेंगे।
जय हिंद।#KargilVijayDiwas pic.twitter.com/66IGe50kiy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2021
इस खास दिन पर आर्मी ने तमन्ना बी की पंक्तियां की ट्वीट
विजय दिवस के मौके पर भारतीय आर्मी की ओर से खास ट्वीट किया गया. सेना ने तमन्ना बी कुकरेती की कुछ पंक्तियां ट्वीट की. सेना ने लिखा कि करगिल की चोटियों पे, दुश्मनों को हमने झुकाया है, हिंद के वीरों ने, अपने लहू से तिरंगे को फहराया है’.
कारगिल की चोटियों पे
दुश्मनो को हमने झुकाया है
हिन्द के वीरों ने अपने लहू से
तिरंगे को फहराया है
-तमन्ना बी कुकरेती#KargilVijayDiwas#IndianArmy#MondayMotivation pic.twitter.com/9snRb0opVu— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) July 26, 2021
26 जुलाई को भारतीय सेना ने लहराया था जीत का पंचम
बता दें कि कारगिल की पहाड़ियों पर 1999 में मई से जुलाई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच खौफनाक जंग लड़ी गयी थी. पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर कई भारतीय इलाकों पर कब्जा जमा लिया था. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और कारगिल में अपनी सभी चौकियों को वापस पा लिया था. जिनपर पाकिस्तान की सेना ने कब्जा किया था. जिसके बाद से हर साल लड़ाई में शहीद हुए जवानों को इस दिन याद किया जाता है. पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जानकारी दिये बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करवाई थी.
‘ऑपरेशन विजय’ की ऐसे हुई थी शुरुआत
लड़ाई की शुरुआत उस समय हुई जब पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की. घुसपैठियों ने खुद को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया, जिससे उन्हें संघर्ष की शुरुआत के दौरान रणनीतिक तौर पर लाभ भी मिला. स्थानीय चरवाहों द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर भारतीय सेना ने घुसपैठ वाले सभी स्थानों का पता लगाया और फिर ‘ऑपरेशन विजय’ की शुरुआत की गयी.
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इस युद्ध में भारत के 527 सैनिक हुए थे शहीद
शुरुआत में बेशक अधिक ऊंचाई पर होने के कारण पाकिस्तान की सेना को फायदा मिल रहा था. लेकिन इससे भी भारतीय सैनिकों का मनोबल कम नहीं हुआ और आखिर में उन्होंने जीत का परचम लहरा दिया. सेना ने फिर 26 जुलाई 1999 को घोषणा किया कि मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. उसी दिन के बाद से हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. हालांकि भारत के लिए ये जीत काफी महंगी साबित हुई थी. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस युद्ध में भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थें. जबकि पाकिस्तान के 357-453 सैनिक मारे गये थे.
पाकिस्तान के सैनिकों ने ऊंचाईयों पर रहने का उठाया था फायदा
पाकिस्तान के सैनिकों और आतंकवादियों ने कारगिल के ऊंचे पहाड़ों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे. ऊंचाई पर रहने का पाकिस्तान ने इसका खूब फायदा भी उठाया था . इससे वह निचले हिस्से में मौजूद भारतीय सैनिकों पर आराम से गोलीबारी कर पा रहे थे. पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था. जबकि एक अन्य लड़ाकू विमान ऑपरेशन के दौरान क्रैश हो गया.
अमेरिका ने हस्तक्षेप करने से किया था मना
बाद में खुद को फंसता देख पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप करने को कहा लेकिन वहां उसे मुंह की खानी पड़ी. पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से बात की थी. लेकिन क्लिंटन ने साफ कहा कि वह ऐसा तब तक नहीं करेंगे, जब तक पाकिस्तानी सैनिकों को नियंत्रण रेखा से पीछे नहीं हटा लिया जाता. फिर जैसे ही पाकिस्तानी सैनिक पीछे हटे, भारतीय सैनिकों ने बाकी चौकियों पर हमला कर दिया और 26 जुलाई तक उनमें से आखिरी चौकी को भी वापस पाने में कामयाब रहे.