Ranchi : झारखंड सरकार एवं राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की पहल से उत्तरप्रदेश के देवरिया जिला के ईट भट्ठे में काम कर रहे 28 प्रवासी मजदूर और उनके बच्चों को आज सुभा मोरिया एक्सप्रेस ट्रेन से वापस रांची लाया गया. रांची पहुंचते ही सभी की कोरोना जांच करायी गयी. सभी मजदूर चान्हो प्रखंड के ग्राम टांगर के निवासी है. स्टेशन से उन्हे बस के माध्यम से घर पहुंचाया गया. मजदूर जब स्टेशन पहुंचे तब बंधु तिर्की मौजूद रहे.
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प्रवासी मजदूर रोजगार के तलाश में दूसरे राज्य जाते है
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि लगातार झारखंड के प्रवासी मजदूर रोजगार के तलाश में दूसरे राज्य जाते है.अब समय आ गया है कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों के हित में सोचे उन्हें अपने राज्य में रोजगार मुहैया कराने की तैयारी करें. उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्य के जाने की अनुमति न दे.
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सभी मजदूर ईट – भट्ठे में काम करते थे
प्रवासी मजदूरों ने कहा कि झारखंड में रोजगार की कमी और पैसे के अभाव के कारण वो दूसरे राज्य जाते है.राज्य सरकार के मजदूरों ने आग्रह किया है कि झारखंड में रोजगार मुहैया करायी जाये. मजदूरों ने बताया कि आर्थिक तंगी और पैसे के अभाव के कारण रोजगार की तलाश में सभी जनवरी 2021 में अपने पूरे परिवार के साथ उत्तर प्रदेश में काम के तलाश लिए गए थे. जहां उन्हें उत्तरप्रदेश के देवरिया जिला के एक ईट भट्ठे में काम मिला . ईट भट्ठा में काम तो मिल गया मगर काम के बदले उन्हें पैसे के नहीं मिले. साथ ही उनको बंधक बना लिया गया. उनका लगभग 7 लाख रूपया बकाया था. जिसमें से झारखंड राज्य सरकार और देवरिया जिला प्रशासन के प्रयास से 5 लाख रुपए का भुगतान कराया गया.
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राज्य सरकार ने किया था प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का वादा
2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौटे रहे थे. तभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि स्थानीय रोजगार अधिनियम बनाने की दिशा में काम चल रहा है. इसका उद्देश्य श्रमिकों को स्थायी रोजगार मुहैया कराना होगा, ताकि झारखंड से पलायन सदा के लिए दूर हो जाये. सीएम ने कहा था कि संसाधनों की कोई कमी राज्य में नहीं है और इसी की बदौलत झारखंड दूसरे राज्य के श्रमिकों को रोजगार देने वाला प्रदेश बनेगा. राज्य के मजदूरों का पूरा डाटा तैयार किए जाने की बात कही गई थी. बावजूद इसके प्रवासी मजदूर का पलायन बंद नहीं हुआ.
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