- जिन दो कर्मचारियों को गैरमजरुआ जमीन के सर्वे के लिए भेजा, उन्होंने अपने और रिश्तेदारों के नाम करा ली 28.43 एकड़ जमीन
- जांच के लिए एसी पहुंचे बंदोबस्त कार्यालय
Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग बंदोबस्त कार्यालय में बड़ा जमीन घोटाला का मामला सामने आया है. इसकी जांच अब तेज हो गयी है. महज एक माह में दूसरी बार अपर समाहर्ता (एडिशनल कलेक्टर) जमीन घोटाले की जांच करने के लिए बंदोबस्त कार्यालय पहुंचे. बताया जाता है कि हजारीबाग में जमीन बंदोबस्ती के नाम पर करोड़ों की जमीन की हेराफेरी हुई है. सरकारी जमीन भी बंदोबस्ती के जरिए हड़प ली गयी. दूसरी बार जब अपर समाहर्ता राकेश रोशन जांच के लिए बंदोबस्त कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने इशारों-इशारों में बता दिया कि एक बड़े मामले की जांच चल रही है. टीम का गठन भी किया गया है. टीम से कुछ जांच रिपोर्ट भी मिली है और कुछ मिलने वाली है. जांच पूरी होने के बाद पूरी जानकारी दी जायेगी.
अमीन की बहाली में भी हेराफेरी
अपर समाहर्ता ने बताया कि गैरमजरुआ जमीन को रैयती बता दिया गया है. कई कर्मचारियों ने अपने नाम पर ही नया खाता खोल लिया है. यही नहीं अमीन की बहाली में भी हेराफेरी हुई है. इन तमाम मुद्दों को लेकर जांच की जा रही है. जांच में संतुष्ट होने के बाद ही कुछ टिप्पणी की जा सकती है. साथ ही पूरे मामले को लेकर जांच कमेटी भी गठित की गयी है. कमेटी की पूरी रिपोर्ट अब तक नहीं मिलीहै. जो रिपोर्ट है, उससे कई बातें स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं.
क्या है मामला
दरअसल हजारीबाग बंदोबस्त कार्यालय के दो कर्मचारियों को सर्वे के लिए मांडू भेजा गया था. वहां दोनों ने 28.43 एकड़ जमीन खुद और अपने रिश्तेदारों के नाम पर करा ली. इस जमीन की कीमत करीब 35 करोड़ बतायी जा रही है. जिस जमीन का घोटाला हुआ है, वह गैरमजरुआ है. इसकी खरीद-फरोख्त नहीं हो सकती है. यह गड़बड़ी तब पकड़ में आयी, जब ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की जांच कोरोना काल में करायी गयी. अब तक इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.