गांधी ने तमिलनाडु में कहा, मोदी सरकार तमिल संस्कृति, भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा
ज्यादातर पैरंट्स मोबाइल फोन को असुरक्षित मानते हैं
सर्वे में सामने आया कि 42 प्रतिशत टीनएज लड़कियों को एक दिन में औसतन एक घंटे से भी कम समय के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति मिलती है. ज्यादातर पैरंट्स को यह लगता है कि मोबाइल फोन असुरक्षित’ हैं और ये उनका ध्यान भंग करते हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस से पहले जारी किये गये इस सर्वे में 10 राज्यों असम, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 4,100 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया. इसमें किशोरियों, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों और दस राज्यों में सामुदायिक संगठनों (जैसे गैर सरकारी संगठनों) के प्रतिनिधि शामिल थे. इसे भी पढे़े: पराक्रम">https://lagatar.in/at-the-parakram-divas-ceremony-pm-said-netaji-gave-new-direction-to-the-dream-of-independent-india/20263/">पराक्रमदिवस समारोह में पीएम ने कहा, नेताजी ने आजाद भारत के सपने को नयी दिशा दी
राज्य दर राज्य में पहुंच में अंतर है
सर्वे में पाया गया कि भारत में किशोरियों के लिए डिजिटल उपकरणों तक पहुंच का एक संकट है. इसमें कहा गया है, राज्य दर राज्य में पहुंच में अंतर है. कर्नाटक में जहां किशोरियों को अधिकतम 65 प्रतिशत डिजिटल या मोबाइल उपकरणों तक आसान पहुंच प्राप्त है. लड़कों की पहुंच सुगम है. सर्वे के अनुसार हरियाणा में इस मामले में लैंगिक अंतर सबसे अधिक है जबकि तेलंगाना में डिजिटल पहुंच वाले लड़कों और लड़कियों के बीच अंतर सबसे कम (12 प्रतिशत) है. इसे भी पढे़े: ट्रैक्टर">https://lagatar.in/new-turn-in-tractor-parade-shooter-case-young-man-changed-his-statement-police-confused/20249/">ट्रैक्टरपरेड शूटर प्रकरण में नया पेंच, युवक ने बदला बयान, सच-झूठ के चक्कर में फंसी पुलिस

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