Ranchi : झारखंड के सरकारी स्कूल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं है. प्रदेश में 9 क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की पढ़ाई होती है. जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के 50 प्रतिशत शिक्षकों के पद रिक्त हैं. रांची विश्वविद्यालय में 9 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के 29 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. पूर्व से सृजित 16 पदों पर अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में 9 जनजातीय एवं क्षेत्रीय विषयों में पद स्वीकृत हैं.
प्रदेश में सरकारी उच्च विद्यालयों मे जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की भारी कमी है. माध्यमिक विद्यालयों में राज्य निर्माण के बाद अबतक कुल 466 क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाष के शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है, जबकि 1278 पदों के लिए नियुक्ति ली गई थी. इसमें 2008 में 231, 2011 में 209 और 2016—17 में 838 रिक्त पदों के नियुक्ति निकाली थी. तीनों नियुक्तियों को मिलाने पर कुल 1278 पदों के विरुद्ध मात्र 495 शिक्षकों की ही नियुक्ति हो सकी. वर्तमान में 812 क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाष पढ़ाने वाले शिक्षकों के पद रिक्त हैं.
इसे भी पढ़ें : कोडरमा में भी होमगार्ड के जवानों ने किया ड्यूटी से बहिष्कार, पुलिस केंद्र में हथियार जमा करने पहुंचे
क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा हो सकती है विलुप्त
हर आदिवासी समूह की अपनी बोली रही है. सरकारी संरक्षण, संवर्धन और प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण आदिवासी भाषाओं की दशा खराब हो गई है. पीपुल्स लिंग वेस्टिंग ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण के मुताबिक देश में बोली जाने वाली तकरीबन 800 भाषाएं हैं. इसमें से आधी भाषाएं अगले 50 वर्षों में सुनाई नहीं देगी. एक सर्वे के मुताबिक देश में करीब 780 भाषाएं बोली जाती हैं. इनमें से 400 भाषाओं पर खतरा मंडरा रहा है, जिसमें झारखंड की भी कई आदिवासी भाषा शामिल हैं. देश में बोली जाने वाली 250 भाषाएं विलुप्त हो चुकी हैं. वहीं 130 से अधिक भाषाएं विलुप्ति के कगार पर हैं, जिसमें आदिम जनजाति असुर की भाषा भी शामिल है.
राज्य बनने के बाद विषयवाद नियुक्त शिक्षकों के पद
- विषय संख्या
- संथाली 112
- हो 26
- बंगला 120
- उड़िया 23
- नागपुरी 19
- कुरमाली 19
- पंचपरगनिया 07
- कुल शिक्षक 466
किस वर्ष कितने पद पर हुई नियुक्ति
- विज्ञापन वर्ष अधियाचना अनुशंसा नियुक्ति
- 2008 231 71 68
- 2011 209 80 74
- 2016-17 838 344 466
जिलावार कहां कौन-सी भाषा बोली जाती है
- जिला क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा
- रांची कुड़ुख, खडिया, मुंडारी
- खूंटी कुड़ुख, खडिया, मुंडारी
- सरायकेला हो, भूमिज, मुंडारी, संताली
- लातेहार कुड़ुख, असुर
- पलामू कुड़ुख, असुर
- गढ़वा कुड़ुख
- दुमका संताली, माल्तो
- जामताड़ संताली
- साहिबगंज संताली, माल्तो
- पाकुड़ संताली, माल्तो
- गोड्डा संताली, माल्तो
- हजारीबाग संताली, कुड़ुख, बिरहोर
- रामगढ़ संताली, कुड़ुख, बिरहोर
- चतरा संताली, कुड़ुख, बिरहोर, मुंडारी
- प.सिंहभूम हो, भूमिज, मुंडारी, कुड़ुख
- गुमला कुड़ुख, खडिया, असुर, बिरहोर
- सिमडेगा खडिया, मुंडारी, कुड़ुख
- पू.सिंहभूम हो, भूमिज, मुंडारी, कुड़ुख, संताली
- कोडरमा संताली, कुरमाली, खोरठा
- बोकारो संताली, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा
- धनबाद संताली, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा
- गिरिडीह संताली, कुरमाली, खोरठा
- देवघर खोरठा, अंगिका
इसे भी पढ़ें : चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट में हुई सुनवाई, CBI ने बताया कैसे- कैसे बंटते थे पैसे