Ranchi: झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के करीब 50 प्रोजेक्ट को रद्द करना पड़ा. यह सभी प्रोजेक्ट नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थे. इन प्रोजेक्ट्स से संबंधित टेंडर को क्लीयर कर कॉन्टेक्टर्स को वर्क ऑडर देने थे. मगर प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से वर्क आर्डर जारी नहीं हुआ. ज्यादातर प्रोजेक्ट से संबंधित टेंडर में कांट्रैक्टर ही शामिल नहीं हुए. कई जगहों पर दूसरी तकनीकी वजहों से भी प्रोजेक्ट को रद्द करना पडा. पथ निर्माण विभाग ने फिर से कई टेंडर जारी किये हैं.
पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों को केंद्र से मंजूरी मिलती है. जो प्रोजेक्ट रद्द हुए हैं, वे सभी प्रोजेक्ट स्वीकृत थे. अब यह वित्तीय वर्ष भी समाप्त होने वाला है. अगर साल समाप्त हो गया और तब तक टेंडर निबटारा के बाद किसी को काम नहीं दिया गया, तो योजनाएं लटक जायेंगी. सारी स्वीकृत योजनाओं को रद्द कर दिया जायेगा.
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सुदूर क्षेत्रों में ठेकेदारों ने पूरी नहीं की अर्हता
पथ निर्माण विभाग के अफसरों का कहना है कि प्रोजेक्ट रद्द होने की कई वजहें हैं. सबसे गंभीर वजह रही कोरोना महामारी. महामारी के दौरान कई टेंडर निबटारा नहीं होने के कारण रद्द हुए हैं. खासकर उग्रवाद प्रभावित सुदूर इलाकों में ऐसी स्थिति हुई है. सुदूर इलाकों की छोटी-छोटी योजनाओं पर या तो ठेकेदारों ने टेंडर नहीं डाला या डाला भी तो ठेकेदार अर्हता पूरी नहीं कर रहे थे. इसलिए टेंडर को रद्द करना पड़ा.
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योजनाओं के स्वीकृति के लिए फिर से भेजा जायेगा प्रस्ताव
इंजीनियरों ने बताया कि पीएमजीएसवाइ के तहत यह प्रावधान है कि स्वीकृति वाले वर्ष के 31 दिसंबर तक सारी योजनाओं का टेंडर करके काम आवंटित कर देना है. निर्धारित तिथि तक काम आवंटित नहीं करने की स्थिति में पूरी योजना को ही रद्द कर देने का प्रावधान है. अगर फिर से उन योजनाओं को लेना है, तो नये सिरे से इसके लिए प्रस्ताव भेजना होगा. प्रावधान की वजह से ही सभी जगहों पर 31 दिसंबर के पहले योजनाओं का टेंडर करने के बाद कार्यादेश जारी कर दिया जाता है, ताकि योजना रद्द न हो.
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