Bahragoda : बहरागोड़ा प्रखंड के डोम बाउटिया में बुधबार को जमीन पर गिरे बिजली के तार की चपेट में आकर हुई भवतोष बाला की मौत बिजली विभाग, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के लिए एक सबक है. इसके पूर्व 28 जून को प्रखंड के जाड़ापाल में जमीन पर गिरे बिजली के तार से सटकर दो किसानों की मौत हो गई थी. इन घटनाओं का मूल कारण बांस या फिर लकड़ी के खंभे पर बिजली का तार ले जाना है. वैसे बहरागोड़ा के ग्रामीण इलाके में बांस और लकड़ी के खंभों पर बिजली मौत बनकर दौड़ती है. यहां करीब 4000 सेलोबोरिंग चलते हैं, जिनके तार बांस या लकड़ी के सहारे खेतों तक ले जाए जाते हैं. ऐसे में करंट युक्त बिजली का तार जमीन पर गिरने से हर साल कई किसानों और मवेशियों की मौत होती है. इसमें सुधार के लिए अब तक बिजली विभाग की ओर से कोई पहल नहीं हुई है. यहां के खेतों में बांस पर बिजली के तार सहज ही देखे जा सकते हैं.
सीमेंट के खंभे लगाने का भरोसा तो मिला पर हुआ कुछ नहीं
कृषि प्रधान बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र के किसान धान समेत अन्य फसलों की सिंचाई के लिए अपने खेत में समरसेबल लगवाते हैं. समरसेबल तक बिजली के तार को ले जाने के लिए सीमेंट के खंभों की बजाए बांस या लकड़ी का प्रयोग करते हैं. इस तरह की बिजली व्यवस्था का यहां जाल फैला हुआ है. बरसात में या फिर आंधी में बिजली के तार समेत बांस जमीन पर गिर जाते हैं और तार से सटकर लोगों की मौत हो जाती है. एक आकलन के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में खेत में गिरे बिजली के तार से सटकर करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दर्जनों मवेशियों की भी मौत तार की चपेट में आकर हुई है. खासकर प्रखंड के पूर्वांचल के खेतों में बांस के सहारे ही समरसेबल तक बिजली के तार ले जाए गए हैं. यही हाल रहा तो बिजली के तार की चपेट में आकर होने वाली मौत का सिलसिला जारी रहेगा. क्योंकि बिजली विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधि बिजली की इस व्यवस्था को बदलने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं. 28 जून को हुई घटना के बाद विधायक, बिजली विभाग और ग्रामीणों के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सीमेंट के खंभे लगाए जाएंगे, लेकिन हुआ कुछ नहीं और फिर हादसा हो गया.
25 हजार तत्काल मुआवजे के बाद ग्रामीणों ने उठने दिया शव
बुधवार 3 नवंबर को चिंगड़ा पंचायत के डोम बाउटिया में खेत में गिरे बिजली के तार से सटकर घास काटने गए भवतोष बाला की मौत हो गई. मुआवजे की मांग पर ग्रामीणों ने लाश उठाने से इंकार कर दिया था. इसके बाद बिजली विभाग के सहायक अभियंता विजय कुमार घोष और कनीय अभियंता घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया. सहायक अभियंता ने मृतक के आश्रित को तत्काल 25000 रुपए दिए. उन्होंने कहा की मुआवजे की शेष राशि के भुगतान के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर बहरागोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. गुरुवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.