Ranchi : दिल्ली मॉडल पर झारखंड में भी सरकारी स्कूलों का विकास होगा. सरकारी स्कूलों में पढने वाले छात्रों को वह सभी सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी, जो प्राइवेट स्कूलों में मिलते है. सरकार ने 4496 स्कूलों को पांच साल में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
जिसके तहत चालू वित्तीय वर्ष 2021—22 में 80 स्कूलों को विकसित किया जाएगा. इसमें 7वीं स्तर के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को भी रखा गया है. आदर्श विद्यालय योजना के तहत स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (लीडर स्कूल) के रूप में स्कूलों का विकास होगा.
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हर पंचायत में ये स्कूल लीडर स्कूल की भूमिका में रहेंगे
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इस वर्ष जिन 80 स्कूलों का विकास करेगा, उसमें सभी 24 जिलों में एक-एक लड़के और लड़कियों के स्कूल शामिल है. यह भी स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे.
हर पंचायत में ये स्कूल लीडर स्कूल की भूमिका में रहेंगे. स्कूल की बिल्डिंग, क्वालिटी टीचर, छात्र-शिक्षक अनुपात, स्मार्ट क्लास, लैब, लाइब्रेरी से लेकर लर्निंग आउटकम की यहां बेहतर व्यवस्था रहेगी. प्रत्येक स्कूलों में न्यूनतम एक हजार से 1200 विद्यार्थियों के शिक्षण की व्यवस्था को विकसित किया जाएगा.
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विकसित स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से होगी पढाई
विकसित होने वाले स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता दिलाई जाएगी. इनमें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी. पहले चरण में 32 तथा दूसरे चरण में 48 स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता दिलाई जाएगी.
इस योजना पर 488 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना के तहत अगले चार वर्षो में प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर भी 4,4916 अन्य स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना है.
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सरकारी स्कूलों में शुरू होगी स्मार्ट क्लास, छात्र—शिक्षक होंगे सम्मानित
मॉडल स्कूल के रूप में जिन स्कूलों का विकास होगा, उसमें लीडर स्कूल का भी चयन होगा. लीडर स्कूल में छात्रों की पढाई स्मार्ट क्लास के जरिए होगी. लीडर स्कूल के बिल्डिंग का आकलन होगा. उसे विद्यालय, जिला या फिर मुख्यालय स्तर से ठीक कराया जाएगा. इन स्कूलों को एक साल में ब्रांच और सिल्वर मेडल लेनी होगी. स्कूलों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा भी ली जा सकती है. हर महीने बच्चों का टेस्ट होगा. बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ संबंधित विषय के शिक्षक भी सम्मानित होंगे.
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हर पंचायत में लीडर स्कूल विकसित करने की तैयारी
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हर पंचायत में एक लीडर स्कूल विकसित करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. एक लीडर स्कूल में पहली से 12वीं तक की पढ़ाई होगी. इसमें छात्र-छात्राओं की निर्धारित संख्या होगी और उसी अनुपात में शिक्षक भी रहेंगे. ऐसे जिन स्कूलों में शिक्षक कम होंगे वहां अच्छे विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी.
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शिक्षा विभाग की टीम ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों का दौरा कर तैयार किया प्रपोजल
दिल्ली के सरकारी स्कूल पूरे देश भर में रोल मॉडल बन चुके हैं. अब वहां के स्कूल कैसे कम समय में और अपने आप को एक स्टैंडर्ड लेवल पर पहुंचा चुके हैं, उसको देखने के लिए झारखंड के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम भी दिल्ली गई थी. टीम ने कई स्कूलों का दौरा किया, वहां के अधिकारियों से बातचीत की. किस तरह से वहां के अधिकारियों ने स्कूलों का मेकओवर किया. क्या-क्या सुविधाएं इन स्कूलों में उपलब्ध है. सभी तरह की जानकारी ली गई. अब उसी तरह का डिजाइन बनाकर और उसी तरह की सुविधाओं के साथ झारखंड में भी स्कूल विकसित किए जा रहे हैं.
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