Ranchi : राज्य के ई-गुरुकुल केंद्रों में वर्ष 2021–22 में 8,000 युवाओं को बनाया जाएगा हुनरमंद. इन केंद्रों में विभिन्न कोर्सों में प्रवेश लिया जाएगा और आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद पासआउट के दिन ही उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा. ई-गुरुकुल योजना हेमंत सरकार के कल्याण विभाग की महत्वाकांक्षी योजना है. इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक तस्वीर बदल रही है. कल्याण विभाग की ओर से 2021–22 में ई-गुरुकुल केंद्रों में करीब 8,000 से अधिक कुशल मानव संसाधन की मांग की गई है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारी सरकार झारखंड के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में हुनरमंद मानव संसाधन तैयार करने के लिए आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं.
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ई-गुरुकुल योजना क्या है
विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना (ई-गुरुकुल) के केंद्रों पर इलेक्ट्रिकल, कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स, ड्राइविंग, टेक्सटाइल्स आदि में युवाओं और युवतियों को हुनरमंद बनाया जाता है. कौशल प्रशिक्षण के बाद हुनरमंद युवाओं को शत-प्रतिशत प्लेसमेंट मिलता है. देश और विदेश की कई कंपनियों में झारखंड के हुनरमंद युवा नौकरी कर और अपने-अपने परिवारों का जीवन स्तर बेहतर बना रहे हैं. मुख्यमंत्री का मनाना है कि इस तरह ये स्किल्ड यूथ आनेवाले समय में राज्य के विकास में अपना योगदान देंगे. साथ ही, झारखंड में कुशल मानव संसाधन भी तैयार होगा.
वर्तमान में 23 ई-गुरुकुल केंद्र हैं संचालित
इस योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिए पैन आईआईटी अलुमिनी रीच फॉर इंडिया से कल्याण विभाग ने समझौता किया है. वर्तमान में ई-गुरुकुल के 23 केंद्र चल रहे हैं. शीघ्र ही इसका विस्तार प्रदेश के साहिबगंज और लोहरदगा में भी होगा. आज कल्याण विभाग झारखंड सरकार और पैन आईआईटी एलुमिनी रीच फ़ॉर इंडिया फाउंडेशन द्वारा 28 कल्याण गुरुकुल, आठ नर्सिंग कॉलेज और एक कैलिनरी एंड मैन्युफैक्चरिंग आईटीआई कॉलेज का संचालन भी किया जा रहा है.
2019-20 में 7,000 से अधिक युवाओं ने लिया प्रशिक्षण
योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 7,000 से अधिक युवाओं ने कल्याण गुरुकुलों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इसमें से 2,332 युवा अल्पसंख्यक वर्ग से, 3,542 अनुसूचित जनजाति से, 226 अनुसूचित जाति से, 1,019 ओबीसी से और 75 अन्य श्रेणियों से थे. कुल मिलाकर 5,576 युवाओं को देश के विभिन्न संगठनों में रखा गया है.
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