Ranchi : कोरोना काल के दौरान जान जोखिम में डाल काम करने के बावजूद भी हम अपने ही पैसे के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. यह कहते हुए उज्जवल की आंखें डबडबा जाती है. कहते है कि पिछले तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है और कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के वक्त(VLE) कोविड टेस्टिंग समेत अन्य कामों के लिए आउटसोर्सिंग पर लिए गए कर्मचारी जिला प्रशासन के आदेश पर बहाल किए गए थे.
इसे भी पढ़ें – 2019 से 2022 जनवरी तक ACB ने भ्रष्टाचार के 177 मामले दर्ज किये, जमानत के बाद कई कर रहे काम, नहीं होती विभागीय कार्रवाई
कर्मी रांची-हटिया रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड में तैनात थे
250 लोगों की बहाली रांची सदर अस्पताल में हुई थी. ये सभी कर्मी रांची-हटिया रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड समेत कोविड स्टेटिक बूथ पर तैनात किए गए थे. शुरुआत के महीने में वेतन मिला, लेकिन जैसे ही महामारी खत्म हुई इन्हें काम से हटा दिया गया, वो भी बिना पैसे के भुगतान किये. दरअसल इन्हें 400 रुपया प्रतिदिन(12000) रुपए प्रतिमाह भुगतान की बात कहकर काम पर रखा गया था. 35 कर्मचारी वैसे है जिन्हें 6 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि 215 के करीब कर्मचारीयों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इनके बकाये मद की राशि 95.12 लाख रुपए है.
इसे भी पढ़ें – पोषण सखी और पुलिस के बीच झड़प, अपनी मांगों को लेकर कर रही आंदोलन
कार्यालय का चक्कर लगा कर हार चुके है हम सभी
कोरोना काल के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि महामारी के समय जब लोग अपने घरों में कैद थे. उस वक्त हमलोगों ने फ्रंट लाइन पर रहकर काम किया है. आज अपने हक के पैसे के लिए अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं. जैसे की हम अधिकारियों से भीख मांग रहे हो.
इसे भी पढ़ें – किरीबुरु: बीआर रौक्सी और गाड़ा टोला के बीच खेला गया स्वर्गीय जयपाल सिंह मुंडा हॉकी प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच
लोगों से उधार लेकर जीने को मजबूर है वीएलई
वहीं खुशबू लकड़ा ने कहा कि हमलोग बकाये वेतन की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का दरवाजा खटखटा चुके है. दो दिन में पैसा देने की बात कहकर हमलोग को वापस भेज दिया गया था. आज महीनों गुजर गए, लेकिन पैसा मिला नहीं. खुशबू ने कहा कि बाहर से आकर काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. खाने तक का पैसा नहीं है. उधार लेकर सभी लोग काम चला रहे हैं. कुछ ऐसी ही समस्या से गुजर रही दीपिका कच्छप ने कहा कि वेतन नहीं मिलने के कारण मकान का किराया नहीं दे पायी हूं. मकान मालिक ने घर खाली करवा दिया. अब रहना भी मेरे लिए चुनौती बन गयी है.
इसे भी पढ़ें – ऑफिस में नहीं बैठते डीसी और BDO तो सरकार को बतायें विधायक, होगी कार्रवाई
आवंटन मिलते ही होगा वेतन का भुगतान
वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन रांची डॉ विनोद कुमार ने कहा कि डीसी ऑफिस से आवंटन आएगा तभी वेतन का भुगतान किया जाएगा. फिलहाल आवंटन नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सभी कर्मचारी कोविड के वक्त काम पर लगाये थे. इनकी मांग है कि वेतन दिया जाए और ये सभी वेतन भुगतान का तय समय मांग रहे हैं जो कि मुश्किल है.
इसे भी पढ़ें – प्रशिक्षण पूरा नहीं होने से MACP का लाभ व प्रोन्नति से वंचित हो रहे छह हजार जवान