Ranchi: राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र से बकाए की मांग की. इससे संबंधित ज्ञापन भी दोनों केंद्रीय मंत्रियों को सौंपा.
सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि वर्ष 2000 में झारखंड राज्य के गठन के उपरांत राज्य के सामाजिक-आर्थिक दिशा में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप विकास नहीं हो पाया है. निरंतर झारखंड के अधिकांश भाग में सूखा पड़ने के कारण राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो चुकी है.
वर्तमान प्रदेश सरकार झारखंड की आधी आबादी महिलाओं के सशक्तिकरण, सम्बद्ध कृषि प्रक्षेत्र तथा दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी इत्यादि योजनाओं को सुदृढ़ बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवधा को मजबूत बनाना चाहती है.
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केंद्र सरकार के आर्थिक सहयोग के बिना उद्देश्य पूरा नहीं
झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजाति/जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य जाति के आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर लोगों की बहुलता है. राज्य सरकार, राज्य के आंतरिक आय के स्रोतों में वृद्धि कर झारखंड वासियों के विकास के प्रति संकल्पित है.
परंतु यह केंद्र सरकार के आर्थिक सहयोग के बिना उस उद्देश्य को पूरा करने में समर्थ नहीं हो सकती है, जिस उद्देश्य को लेकर झारखंड राज्य का गठन हुआ था. झारखंड खनिज संपदाओं का प्रदेश है. झारखंड के राजस्व की निर्भरता का मुख्य स्रोत खान-खनिज है. कोल माइनिंग से लगभग 70-80% राजस्व की प्राप्ति होती है.
1.36 लाख करोड़ है बकाया
ज्ञापन में कहा है कि कोल उत्खनन प्रक्षेत्र में धुले कोयले की रॉयल्टी का बकाया रू. 2,900 करोड़, किसी भी कंपनी की पर्यावरण मंजूरी सीमा तक पहुंच में उत्खनित खनिज की कीमत पर बकाया रू. 32,000 करोड़ एवं भूमि अधिग्रहण संबंधी बकाया रू. 1.01.142 करोड़ है. कुल मिलाकर 1,36,042 करोड़ बकाया है.
उपरोक्त के अतिरिक्त केंद्र सरकार के द्वारा झारखंड को प्राप्त होने वाली सहायता अनुदान की राशि (ग्रांट्स इन ऐड) में वर्ष वार कमी होती गयी है. वर्ष 2019-20 में 12302.67 करोड़ रू. वर्ष 2020-21 में 11993.31 करोड़ रू. वर्ष 2021-22 में 10666.85 करोड़ रू. वर्ष 2022-23 में 10893.54 करोड़ रू., वर्ष 2023-24 में 9146.26 करोड़ रू.. वर्ष 2024-25 में 16961.35 करोड़ की राशि के विरुद्ध दिसंबर 2024 तक झारखंड को मात्र 4808.89 करोड़ रू. ही प्राप्त हुए.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23.09.2024 को पत्र के माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री जी से बकाया राशि के भुगतान के लिए संबंधित विभाग को निर्देश देने का आग्रह किया था.
कोल कंपनियों द्वारा राशि उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जाए
राधाकृष्ण किशोर ने आग्रह किया कि कोल कंपनी द्वारा 1.36.042 करोड़ रू. उपलब्ध कराने की दिशा में शीघ्र कार्रवाई की जाए. इसके अतिरिक्त वर्ष 2024-25 में झारखंड राज्य के लिए सहायता अनुदान अनुमानित निर्धारित लक्ष्य 16961.35 करोड़ की शेष राशि 12152.46 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की कृपा करेंगी.
वास्तविक बकाए की राशि की गणना का निर्देश
केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कोयला मंत्रालय के अपर सचिव स्मिता प्रधान को बुलाकर निर्देश दिया कि यथाशीघ्र भारत सरकार के कोयला मंत्रालय तथा झारखंड सरकार के खान मंत्रालय के अधिकारियों की टीम गठित कर सौहार्दपूर्ण बैठक कर वास्तविक बकाए की राशि की गणना करें ताकि लोयला उत्खनन के शिर्ष में झारखंड को बकाए राशि का भुगतान किया जा सके. किशन रेड्डी ने कहा की राशि झारखंड की है, व्यावहारिकता के साथ वास्तविक बकाए राशि की गणना कर झारखंड को दिया जाएगा.
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