Bermo: कोरोना काल में किसान अपनी खेती को लेकर फिक्रमंद थे. फिर भी वे अपने काम पर लगे थे. उन्हें लग रहा था कि हालात बदलेंगे तो सरकार से इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में बीज मिलेंगे तो जमकर खेती करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. दरअसल सरकार किसानों को फसलों की उत्पादकता बढाने के लिए कम लागत में खेती के लिए अनुदान पर बीज देती है. किसानों को सरकार द्वारा मुहैया कराये गये बीज पर भरोसा होता है कि उसकी गुणवत्ता अच्छी होती है. वहीं किसानों को धान के बीज पर सब्सीडी भी मिलती है. इसलिए ज्यादातर किसान सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदानित बीज के लिए इंतजार में रहते हैं.
इसे भी पढ़ें- रांची: सिल्ली में रेलवे ट्रैक पर युवक का सिर कटा शव बरामद
धान बीज का है इंतजार
बताया जाता है कि बेरमो अनुमंडल के गोमिया प्रखंड के किसानों को इस वर्ष जरूरत के अनुसार धान का बीज नही मिला है. लिहाजा बीज के अभाव में वे खेती के लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं. इस मौसम में किसान मकई, मडुआ और राहर सहित अन्य चीजों की खेती करते हैं. लेकिन गोमिया में धान बीज के अलावा और किसी तरह की बीज उपलब्ध नहीं कराई गई है. आधे से अधिक किसान धान के बीज के इंतजार में हैं.
इसे भी पढ़ें- बिहार अनलॉक 4: कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान खुलेंगे, 50% बैठने की क्षमता के साथ होगा रेस्टोरेंट का संचालन
27 सौ क्विंटल बीज मांगी गई थी
गोमिया प्रखंड के प्रभारी कृषि पदाधिकारी धनपत कुमार ने कहा कि 27 सौ क्विंटल धान बीज की मांग की गई थी. लेकिन सरकार की ओर से गोमिया के लिए महज 12 सौ क्विंटल धान बीज मुहैया कराया गया है. शेष बची बीज की मांग की गई है. जैसे ही बीज उपलब्ध हो जाती है किसानों को बीज तुरंत दे दिया जाएगा. कहा कि धान बीज के अलावा भी मकई, मडुवा और राहर के बीज की मांग की गई है. लेकिन सिर्फ धान का बीज ही गोमिया को मिला है. इसलिए किसानों को धान के अलावा खेती के लिए दूसरा बीज नही दिया जा सका है.
इसे भी पढ़ें- रांची जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकालने की इजाजत के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर