Ranchi: झारखंड में आदिवासियों और दलितों के अधिकार के लिए लड़ने वाले समाजसेवी फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को निधन हो गया. लगातार बिगड़ती तबीयत की वजह से मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके निधन पर जहां कई राजनेता और समाजसेवी ने दुख व्यक्त किया.
वहीं इसाई समुदाय ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. इसी क्रम में रांची आर्चडायसिस के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो और सहायक बिशप थेयोदोर मसकरेनहस ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने झारखंड के लोगों के लिए स्टेन स्वामी के किए गए कार्यों सेवा को याद किया. साथ ही उन्होंने कहा कि फादर स्टेन के निधन से समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी है.
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देश ने अपनी संवेदनशीलता और मानवता खो दिया- बिशप थियोदोर
बिशप थियोदोर ने कहा कि किसी भी वृद्ध व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. फादर स्टेन के साथ किया गया व्यवहार यह दर्शाता है कि देश ने अपनी संवेदनशीलता और मानवता खो दी है.
आर्चडायसिस ने भी रखे अपने विचार
इस मौके पर आर्चडायसिस के धर्म गुरुओं ने कहा कि उनकी मृत्यु से गरीब, आदिवासियों और दलितों ने अपना मसीहा खो दिया है. स्वामी आंतरिक रूप से धार्मिक व्यक्ति थे. उसमें ईश्वर के प्रति गहरी आस्था थी. वह सभी को ईश्वर की संतान मानते थे. वह सदा सत्य और न्याय के मूल्यों के अनुसार जीवन जीते थे. गरीब और असहाय लोगों के प्रति किए गए अन्याय, शोषण और अत्याचार के विरूद्ध उन्होंने जीवन भर आवाज उठाई.
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