Pantna: बिहार सरकार के अलग-अलग विभागों में जून के आखिरी हफ्ते में हुए तबादलों में गड़बड़ी का भूत पीछा नहीं छोड़ रहा है. विपक्ष तो पहले ही इन तबादलों में गड़बड़ी उगाही के आरोप लगा रहा था, अब सत्ता पक्ष के नेता भी खुलकर आवाज उठाने लगे हैं. इसके बाद सरकार ने तबादले के कुछ आदेश स्थगित कर दिए हैं. ताजा मामला उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के विभाग से जुड़ा है, जहां 170 कर्मचारियों के तबादले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. इसके लिए संबंधित सभी जिलों को सूचना भेज दी गई है. मामला बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत नगर पालिका प्रशासन निदेशालय से जुड़ा है. इससे पहले शिक्षा विभाग में कुछ तबादलों पर रोक लगाई गई थी.
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आदेश के बाद विभाग के कर्मचारी थे आक्रोशित
विभाग ने जिन कर्मियों के तबादले का आदेश जारी किया था, वे अलग-अलग नगर निकाय में कार्यरत हैं. जब कर्मचारियों ने आवाज उठाई तो विभाग को होश आया कि राज्य के अलग-अलग नगर निकायों में वेतन की समरूपता नहीं है. कहीं पांचवां तो कहीं छठे वेतनमान के आधार पर वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में तबादले के बाद कई कर्मियों का वेतन बढ़ जाता तो कईयों का घट भी जाता. इसी वजह से विभाग को आदेश वापस लेना पड़ा है.
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कर्मचारियों को वापस लौटने का मिला आदेश
विभाग ने कहा है कि जो कर्मचारी इस संशोधन से पहले ही अपने पूर्व कार्यस्थल से विरमित हो चुके हैं, उन्हें फिर से अपने पुराने कार्यालय में ही लौटना पड़ेगा. इस बीच की अवधि में उन्हें ड्यूटी पर मान कर वेतन का भुगतान किया जाएगा. जो कर्मी नए कार्यस्थल पर योगदान कर चुके हैं, उन्हें भी पुराने दफ्तर में ही लौटना पड़ेगा. विभाग ने कहा है कि इन कर्मियों के तबादले के विषय पर वित्त विभाग से राय ली जाएगी.
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