Patna : लोजपा पर कब्जे को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे मामले पर आज सुनवाई होगी. दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. चिराग पासवान ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है. लोकसभा अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की अगुवाई वाले गुट को सदन में एलजेपी के तौर पर मान्यता दी है. चिराग पासवान ने याचिका में कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधि और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के आरोप में लोजपा ने पहले ही पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निकाल दिया था.
चिराग ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा है कि लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 75 सदस्य हैं और इनमें से 66 सदस्य हमारे (चिराग गुट) के साथ हैं. चिराग ने कहा है कि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के पास कोई ठोस आधार नहीं है वो हमारे दल के सदस्य नहीं है.
इसे भी पढ़ें – टीसीएस का मुनाफा पहली तिमाही में 28 फीसदी बढ़ा, कंपनी ने 7 रुपये डिविडेंड का किया एलान
13 जून को चिराग और पशुपति आमने- सामने आ गये थे
बात दें कि रामविलास पासवान के बनायी पार्टी में दो फुट हो गय़े है. एक तरफ उनका बेटा चिराग पासवान हैं तो दूसरी तरफ भाई पशुपति पारस हैं. दोनों के बीच विवाद काफी दिनों से चल रहा था लेकिन 13 जून को दोनों आमने- सामने आ गये. जिसके बाद चिराग पासवान को छोड़ अन्य सभी सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी. इसमें हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया गया था. जिसकी सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दे दी गई. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें मान्यता भी दे दी. इसके बाद चिराग पासवान ने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निष्कासित करने की सिफारिश की थी.
इसे भी पढ़ें –मोदी के नये मंत्री ने कहा, पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य संभव, सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा, उनका मतलब जादू से है
पारस गुट का जल्द ही जेडीयू में विलय होने की बात कही जा रही
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही पशुपति पारस गुट का जेडीयू में विलय होने की बात कही जा रही है. बता दें कि चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच लोजपा पर वास्तविक अधिकार का मामला चुनाव आयोग के पास लंबित है. चुनाव आयोग का क्या निर्णय होता है. इस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोजपा के 90 प्रतिशत समर्थक व कार्यकर्ता चिराग पासवान से सहानुभूति रखते हैं. पार्टी के संविधान के अनुसार लोजपा पर अधिकार का मामला भी अब कोर्ट में है.
इसे भी पढ़ें –समस्तीपुर : बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा, शहर के कई हिस्सों में घुसा बाढ़ का पानी