Ranchi: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर रांची विश्वविद्यालय के शिक्षकों, प्राचार्य और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 2 वर्ष का सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया है. इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार के समक्ष भेजा जाएगा. विश्वविद्यालय के इस निर्णय का कई छात्र संगठनों/प्रतिनिधियों ने विरोध भी किया है.
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बंधु तिर्की ने बताया कि- मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसे निर्णय को व्यावहारिक मानता हूं. यह राज्य के बेरोजगार युवकों के लिए अहितकर है. पूरे देश में जब बेरोजगारी का आंकड़ा निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है, राज्य के बेरोजगार नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में राज्य के बेरोजगारों को अवसर से वंचित करना न्यायोचित नहीं होगा. आगे चलकर राज्य के अन्य विश्वविद्यालय भी इस प्रकार के निर्णय लेंगे और हजारों रिक्तियां 2 वर्ष के लिए ब्लॉक हो जाएंगी. दूसरी ओर विश्वविद्यालय स्तर पर प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारी सहित अन्य प्रशासनिक पदों पर राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़ों का प्रतिनिधित्व नगण्य है.
उन्होंने कहा है कि शिक्षकों के बैकलॉग पदों पर चल रही नियुक्ति की प्रक्रिया भी अभी तक पूरी नहीं हुई है. जिससे उनको समुचित प्रतिनिधित्व मिल पाता. महामहिम राज्यपाल के बार-बार निर्देश के बावजूद भी शिक्षकों के प्रोन्नति के मामले में राज्य के विश्वविद्यालयों की भूमिका संतोषप्रद नहीं है. जिसके कारण प्राचार्य सहित अन्य प्रशासनिक पदों पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है.
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बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को 2 वर्ष की सेवा विस्तार देने के निर्णय पर स्वीकृति न दी जाए तथा शिक्षकों के बैकलॉग नियुक्ति प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करते हुए अन्य नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. ताकि महाविद्यालय में पठन-पाठन का कार्य क्षमता के साथ जारी रह सके.
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