Ranchi : राज्य की 980 ट्रेड यूनियनों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. श्रम विभाग की ओर से इन यूनियनों को ये आदेश दिया गया है. इसमें पहले के ब्योरे के साथ नया रजिस्ट्रेशन नंबर लेने की बात की गयी है. सभी यूनियन संयुक्त बिहार के समय की हैं. ऐसे में साल 2017 में बिहार सरकार ने इन ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. बिहार सरकार ने कहा था कि इन यूनियनों की ओर से रिटर्न नहीं भरा जा रहा. इसके कारण इनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया.
वहीं, 2017 के बाद से यूनियनों ने श्रम विभाग से अलग-अलग चरण में बात की गयी. पिछले सप्ताह भी श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के साथ यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी, जिसमें बात नहीं बन पायी. वहीं महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से भी नये रजिस्ट्रेशन की बात की गयी. सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि अब यूनियनों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
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बिहार सरकार के पास नहीं है रिकॉर्ड
प्रकाश ने बताया कि 980 ट्रेड यूनियनों का रिकॉर्ड बिहार सरकार के पास नहीं है. रद्द होने की सूचना मिलने के बाद कई बार रिकॉर्ड मांगे गये, लेकिन बिहार सरकार इसे उपलब्ध नहीं करा रही. झारखंड गठन के दस्तावेजों में जिक्र है कि बिहार सरकार झारखंड संबंधी सभी दस्तावेज राज्य को वापस कर देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. ऐसे में रिटर्न झारखंड श्रम विभाग में जमा किया जा रहा है. बिहार सरकार से रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद भी केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने यूनियनों का सत्यापन भी किया.
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रिस्टोर करने की मांग होती रही
ट्रेड यूनियनों की ओर से पुराने रजिस्ट्रेशन नंबर को ही रिस्टोर करने की मांग होती रही है. कई बार मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, विभागीय पदाधिकारियों से बैठक की गयी, जिसमें यूनियनों का रजिस्ट्रेशन रिस्टोर करने की मांग की गयी.