Bengaluru: भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर अमित रोहिदास ने कहा कि अब जबकि उनका ओलंपिक खेलों में खेलने का सपना पूरा होने वाला है. तब उनका एकमात्र ध्यान टोक्यो खेलों में पदक के साथ वापसी करने पर टिका है. रोहिदास ने हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुझे यहां पहुंचने में 12 वर्ष लगे. मैं ओलंपिक टीम का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं. मेरा सबसे बड़ा सपना अब पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि मैं अपने प्रत्येक कोच का आभार व्यक्त करता हूं. जिन्होंने मुझे एक हॉकी खिलाड़ी के रूप में तैयार करने में मदद की. मेरा ध्यान केवल टोक्यो ओलंपिक के सफल अभियान पर टिका है. हाल के सफल दौरों से निश्चित तौर पर टीम का मनोबल बढ़ा है.
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रोहिदास ने राष्ट्रीय टीम की तरफ से 97 मैच खेले हैं
इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने राष्ट्रीय टीम की तरफ से 97 मैच खेले हैं. वह ओडिशा के सुंदरगढ़ में उसी गांव के रहने वाले हैं, जहां तीन बार के ओलंपियन और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप तिर्की का जन्म हुआ था. रोहिदास ने कहा कि उन्होंने (दिलीप तिर्की) हम कई गांव वालों को हॉकी खेल से जुड़ने के लिये प्रेरित किया. मैं जिस क्षेत्र का रहने वाला हूं वहां के लिए हॉकी एक खेल ही नहीं सामाजिक आर्थिक विकास का साधन भी है. मैं ओडिशा का पहला गैर आदिवासी हॉकी ओलंपियन हूं.
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