Ranchi : राजधानी रांची से सटे सिल्ली ब्लॉक के कई गांव में शौचालय निर्माण में गडबड़ी सामने आने लगी है. लगातार न्यूज नेटवर्क ने सिल्ली ब्लॉक के बंता हजाम गांव में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत कागज पर ही शौचालय बनाकर राशि निकालने से संबंधित खबर छापी थी.
खबर पढ़ने के बाद बंता हजाम गांव के कई ग्रामीणों को पता चला कि उनके नाम पर शौचालय निर्माण की राशि जारी हुई है. मगर उन्हें राशि मिली ही नहीं है. जबकि कई ग्रामीण ऐसे भी हैं, जिन्होंने शौचालय बनाया भी नहीं है, मगर उनके नाम पर शौचालय निर्माण कार्य पूरा बताया गया है. ऐसे कई मामले आसपास के गांव से भी सामने आ रहा है.
बंता हजाम गांव के ही शिवेश्वर सिंह गोंझू को सूची देखने के बाद पता चला कि शौचालय निर्माण कर लिया है, सूची में इनका नाम भी है. लेकिन राशि अबतक नहीं मिली है. इसकी शिकायत शिवेश्वर सिंह गोंझू ने शुक्रवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पूर्वी प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से की है. उन्होंने कार्यपालक अभियंता से पूछा कि मेरा नाम सूची में है, तब मुझे अबतक राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया. जबकि कई ग्रामीणों ने तो लिखित शिकायत पत्र कार्यपालक अभियंता को भेजा है.
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सूची देखने के बाद ग्रामीण हो गये भौचक
पेयजल विभाग के रांची पूर्वी द्वारा तैयार कागजी आकड़ों पर आधारित ओडिएफ गांव की ऑनलाइन सूची देखने के बाद ग्रामीण भौचक रह गये. सूची में बसंत सिंह मुंडा ने पाया कि उनका शौचालय कंप्लीट दिखा रहा है. निर्माण की राशि भी जारी हो गयी है. जबकि उन्होंने अपने घर में अपने खर्च पर पहले ही शौचालय बना लिया था.
वहीं टोला बारेडीह के कैलाश महतो ने कहा कि उसके घर में शौचालय का निर्माण ही नहीं हुआ है. मगर उनके नाम पर शौचालय आवंटित दिखा रहा है. स्थानीय निवासी लक्ष्मी नारायण कोईरी ने कहा कि लगातार न्यूज के खबर को देखकर जानकारी मिली कि उसके परिवार के नाम पर 3 शौचालय है. जबकि एक ही शौचालय का निर्माण किया गया है. अगर पैसे की निकासी की गयी है, तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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अफसरों ने कागजी आकड़ों का खेल कर हासिल किया ओडिएफ का लक्ष्य
झारखंड में शौचालय निर्माण की जिम्मेवारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दो अक्टूबर 2018 तक 40 लाख शौचालय कंप्लीट करने का लक्ष्य तय किया था. दो अक्टूबर तक तो लक्ष्य हासिल नहीं हो सका.
लेकिन पांच अक्टूबर को झारखंड ने शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया था. जबकि केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 तक सभी राज्यों को शौचालय निर्माण का टारगेट दिया था. झारखंड में पेयजल विभाग के अफसरों और बिचौलियों के साथ मिलकर कागजी शौचालय निर्माण कर करोड़ों की गड़बड़ी की है. लातेहार, गुमला, रामगढ़, हजारीबाग सहित कई जिलों से शौचालय निर्माण में हुई गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शौचालय निर्माण कार्य का सर्वे कराने का आदेश समीक्षा बैठक के दौरान दिया है. सर्वे के बाद ओडिएफ योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आने की उम्मीद है.
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