Ranchi : मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जुमार नदी अतिक्रमण मामले की जांच कर रही एसीबी ने कांके के तत्कालीन सीओ अनिल कुमार और राजस्व उप निरीक्षक रंजीत कुमार को दोषी पाया गया है. दोनों को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम 1988 की धारा 7 (क) (ख) और (ग) के तहत स्पष्ट रूप से दोषी पाया गया है. रिवर व्यू प्रोजेक्ट के नाम पर नदी की ज़मीन को समतलीकरण करने के मामले में एसीबी की टीम ने यह पाया है कि कांके के तत्कालीन अंचल पदाधिकारी और कर्मियों के द्वारा सोची समझी साजिश एवं अप्रत्यक्ष रूप से निजी हितों के कारण सही तथ्य छुपाये गए हैं. एसीबी ने अपनी 18 पन्नों की जांच रिपोर्ट में पूरी जांच की बिंदुवार रिपोर्ट जमा कर दी है.
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रिवर व्यू के नाम से कोई भी संस्थान रस्जिटर्ड नहीं
एसीबी की टीम द्वारा की गयी जांच के मुताबिक रिवर व्यू के नाम से कोई भी संस्थान रस्जिटर्ड नहीं है.लेकिन कमलेश कुमार के द्वारा डीड संख्या 519/2020 ,डीड संख्या 5517/2020,डीड संख्या 6015/2020 और डीड संख्या 6063/2020 और डीड संख्या 6064/2020 के माध्यम से खरीद बिक्री की गयी है. जांच के दौरान यह पाया गया कि जुमार नदी की भूमि जिसका खाता संख्या 136 प्लाट संख्या 2381 पर आंशिक रूप से मिट्टी के भराव का कार्य किया गया है. जिस जमीन को विवादास्पद बताया गया है उसपर प्लॉटिंग की जा रही है.
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CO अनिल कुमार से किये सवाल का जवाब पढ़ें
एसीबी ने कांके के अंचल अधिकारी अनिल कुमार से कुल छह सवाल किये. जिसका जवाब उन्होंने दिया. एसीबी ने उनसे जो सवाल किये और अनिल कुमार द्वारा दिये जवाब पढ़िए.
ACB : जुमार नदी पर काफी लम्बे समय से अतिक्रमण किया जा रहा था, तब आपके संज्ञान में नहीं आना खेदजनक, यह साबित होता है कि आपको अपने क्षेत्र एवं अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं है ?
अनिल कुमार : रैयती भूमि पर समतलीकरण का कार्य 1-2 माह से चल रहा होगा, रैयत को हम जमीन पर काम करने से नहीं रोक सकते, प्रश्नगत मामले में संबंधित पदाधिकारी से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया था.
ACB : सरकारी/ गैरमजरुआ भूमि जिसपर अतिक्रमण से पर्यावरण एवं आम जनों को प्रभावित होने की पूर्ण संभावना हो, उस स्थिति में संलिप्त भूमाफियाओं पर कार्रवाई नहीं करना अपराध की श्रेणी में आता है?
अनिल कुमार: लॉकडाउन के कारण अंचल कार्यालय का कार्य बाधित था, विधि व्यवस्था आदि का कार्य इतना अधिक था कि अंचल का कार्य करने के लिए समय का आभाव था, प्रश्नगत भूमि की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि रिंग रोड से दिखाई नहीं देता कि अंदर क्या हो रहा है. लेकिन जैसे ही सूचना प्राप्त हुई अविलम्ब रिवर व्यू के प्रोप्राइटर कमलेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी और अतिक्रमण कार्य को भी रोक दिया गया. मेरे द्वारा भूमाफियाओं को रोका गया. उनका साथ नहीं दिया गया.
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