Ranchi: लॉकडाउन के बाद यातायात माध्यम सीमित होने के कारण बस संचालकों की मनमानी बढ़ गयी है. रांची से झारखंड के अंदर और बाहर चल रही निजी बस सेवाएं यात्रियों से अधिक किराया वसूल रहीं हैं. कहीं कोई रोक-टोक नहीं है. यहां तक की अब प्रत्येक सीट पर यात्रियों को बैठाने की अनुमति मिलने के बाद बस संचालक निर्धारित किराए से अधिक वसूल रहे हैं. अन्य यातायात विकल्प नहीं होने के कारण रांची से विभिन्न शहरों में जाने वाले यात्री अधिक किराया देने के लिए विवश हैं. खासकर विवाह और लगन खत्म होने तक तो इन बस संचालकों ने खूब कमाई की. प्रशासन की ओर से बस स्टैंड में विभिन्न शहरों के लिए किराया की कोई सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है.
इसे भी पढ़ें- जितनी सीट उतने यात्री कर सकेंगे बसों में यात्रा, किराया भी नहीं बढ़ेगी
रांची से एसी बस से सफर का किराया सामान्य तौर पर 500 रुपए में होने वाली यात्रा के लिए बस संचालक और एजेंट अधिक फेयर वसूल रहे हैं. समझे रांची से इन शहरों के लिए कितना लिया जा रहा किराया
रांची से भुनेश्वर 800 रुपये
रांची से बनारस 800 रुपये
रांची से रायपुर 800 रुपये
रांची से संबलपुर 600रुपये
रांची से दरभंगा 700 रुपये
रांची से मुजफ्फरपुर 700 रुपये
रांची से कोलकाता 700 रुपये
रांची से लंबी दूरी की अधिकांश बसें टू बाई टू श्रेणी की हैं. कई बसें टू बाई टू के साथ-साथ स्लीपर भी चल रहीं हैं. थ्री बाई टू की अधिकांश बसें लोकल स्तर पर चल रहीं हैं. लंबी दूरी की कुछ बसें वन बाय टू श्रेणी की हैं. कोलकाता और कुछ अन्य शहरों के लिए वोल्वो बस भी चलती है.
इसे भी पढ़ें- फायदे की बातः गाड़ी रखने है शौक, तो बगैर खरीदे भी बन सकते हैं मालिक
अभी भी ले रहे अधिक भाड़ा
झारखंड के अंदर अधिकांश सामान्य बसें चल रही हैं. टू बाई टू एसी बसों से सफर के लिए साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, देवघर आदि जिलों के लिए 500 रुपये से 550 रुपये तक लिए जा रहे हैं. जबकि एसी बसों का वास्तविक किराया 400 रुपये है. अधिक बसें चलने के कारण पटना का किराया चार से पांच सौ रुपये तक ली जा रही है. पटना का सामान्य सफर भी अधिक लिया जा रहा है. इसके लिए 350 से रुपये 400 तक लिए जा रहे हैं.
यात्रियों की भीड़ के हिसाब से तय करते हैं किराया
लगन और विवाह का समय खत्म होने पर अब लंबी दूरी की बसों में यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर भी मनमाना किराया लिया जा रहा है. मसलन कम यात्री उपलब्ध होने पर वाजिब और कभी-कभी तो कम किराए भी लिए जाते हैं. लेकिन यात्रियों के बढ़ते ही मनमानी बढ़ जाती हैं.
लॉकडाउन में दो सीटों का निर्धारित था किराया
लॉकडाउन में नन एसी बसों का किराया सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए दो सीटों का किराया निर्धारित किया गया था. इसके तहत झारखंड के जिलों के लिए रांची से निम्नलिखित किराया निर्धारित किया गया था.
रांची से सिमडेगा 360 रुपये
रांची से पलामू 350 रुपये
रांची से गोड्डा 700 रुपये
रांची से गुमला 180 रुपये
रांची से लोहरदगा 120 रुपये
रांची से साहिबगंज 750 रुपये
रांची से टाटा 360 रुपये
रांची से गढ़वा 400 रुपये
ये लॉकडाउन से पहले का किराया था लेकिन अब प्रत्येक सीट का भाड़ा इस किराये की सूची से आधी है, पर बस संचालक एक सीट से अधिक का किराया वसूल रहे हैं.
सुविधा के अनुसार लिया जा रहा है किराया
इस मामले पर रांची जिला बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने बताया कि रांची से विभिन्न प्रकार की बसों की आवाजाही हो रही है. इसमें एक ही उठकर सामान्य बसों से लेकर हाईटेक बसें भी चल रही है. यही कारण है कि बस किराए में अंतर आ रहा है. सामान्य बसों का किराया सामान्य है जबकि एसी, वोल्वो और अन्य हाईटेक बसों का किराया अधिक है. लोगों को लगता है कि मनमाना किराया वसूला जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है. अधिक सुविधा वाली बसों का किराया अधिक है. जबकि सामान्य बसों का भाड़ा कम है.
इसे भी देखें-